Gall stone (Cholelithiasis) : पित्त की पथरी के कारण, लक्षण और बचाव !

Gall stone (Cholelithiasis) : पित्त की पथरी के कारण, लक्षण और बचाव !

पित्ताशय या पित्त प्रणाली में किसी भी कारण से सोथ ! अथवा पित्त की निस्रण गति के अवरुद्ध ! हो जाने के कारण पित्त में पथरी (gall stone) बन जाती है ! कुछ शोधों से पता चला है ! कि कुछ रोगों के कीटाणु जैसे टाइफाइड के कीटाणु ! पित्त की पथरी के लिए एक सुगम कारक होते हैं !

इसके अलावा बि कोलाई (B Coli) नामक कीटाणु भी ! इस रोग का विशेष कारण माना जाता है ! यह पथरी पित्ताशय में साधारण रेत के कणों के आकार से लेकर ! 1 से 2 इंच लंबी और 1 इंच तक चौड़ी हो सकती है ! यह रोग अक्सर शारीरिक परिश्रम ना करने वालों को ही होता है ! पित्त की पथरी होने पर शुरू में तो कोई लक्षण प्रतीत नहीं होते हैं !

लेकिन बाद में पेट के दाहिनी तरफ ! दर्द के साथ इसके लक्षण प्रदर्शित होते है ! नाइट्रोजन और चर्बीमय खाद्य पदार्थ ! अधिक परिमाण में खाने से यह रोग होने की आशंका बढ़ जाती है ! 40 वर्ष की आयु के बाद ! पित्त की पथरी होने की आशंका बढ़ जाती है ! अधिकांशत: यह रोग स्त्रियों को होते देखा गया है !

पित्त की पथरी जब तक पित्ताशय मे स्थिर रहती है ! तब तक यह मरीज को किसी प्रकार का कष्ट नहीं देती ! कभी-कभी बस पेट में हल्का दर्द /colicky-pain महसूस होता है ! पर जब यह पथरी पित्ताशय से निकलकर पित्त वाहिनी नली में चली जाती है !

तब बहुत तेज दर्द होना शुरू होकर व्यक्ति को व्यथित कर देता है ! इस दर्द को (biliary colic) कहते हैं ! यह दर्द दाहिनी पेट से शुरू होकर चारों ओर ( दाहिने कंधे और पीठ तक) पहुंच जाता है ! पित्त की पथरी के दर्द में उल्टी, ठंडा पसीना, नाड़ी कमजोर ! सांस लेने में कष्ट, पीलिया /jaundice आदि लक्षण होते हैं ! और जब यह पथरी पित्त की नली से निकलकर आंत में आ जाती है ! तब पित्त की पथरी का दर्द दूर हो जाता हैं ! पित्ताशय की पथरी के लक्षणों के अनुसार पित्त पथरी का निदान हो जाता है !

यदि रोग निदान में स्पष्टता की कमी हो तो एक्सरे कराना उचित होता है ! जब पथरी स्थिर रहती है तब पित्त की पथरी का दर्द कम जाता है ! और जब यह हिलने डुलने लगती है तो उस समय पथरी का दर्द बढ़ता है ! इस तरह पित्त की पथरी स्थिर और अस्थिर होने से भी पित्त की पथरी का दर्द घटता बढ़ता है !

Gall stone (Cholelithiasis) : पित्त की पथरी के कारण, लक्षण और बचाव !

पित्त की पथरी के कारण : causes of gall stone !

40 वर्ष के बाद शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है ! जो पित्त की पथरी के लिए एक विशेष कारण होता है ! पित्त जब आंतो में पहुंचता है तो पित्ताशय में सिकुड़न पैदा होती है ! इन्हीं सिकुड़न की वजह से पित्त आंतों में पहुंचता है ! ज्यादा समय तक खाली पेट ! रहने से पित्ताशय में सिकुड़न ठीक ढंग से नहीं हो पाती है ! और कुछ मात्रा में पित्त पित्ताशय में रुकने लगता है ! जिसमें कोलेस्ट्रोल द्वारा ठोस पदार्थ का निर्माण होता है ! जो बाद में पथरी के रूप में तब्दील हो जाता है ! इसके अलावा अन्य कई कारण हैं ! जो निम्नलिखित संदर्भित है !

  • अधिकांश पित्त की पथरी कोलेस्ट्रॉल की वजह से बनती है !
  • ज्यादा मोटे होना भी इसका एक कारण है !
  • ज्यादा समय तक खाली पेट रहना !
  • बिलीरुबिन का पथरी के रूप में जमना !
  • टाइफाइड के कीटाणु !
  • बि कोलाई कीटाणु !
  • नाइट्रोजन और चर्बीमय खाद्य पदार्थ !
  • पित्त की गति में रुकावट !
  • पित्त प्रणाली सोथ !
  • शारीरिक श्रम की कमी !

पित्त की पथरी के लक्षण : symptoms of gall stone !

पथरी जब पित्ताशय से निकलकर पित्त की नली में आती है ! तब तब पेट में दाहिनी तरफ बहुत तेज असहनीय दर्द होता है ! तेज दर्द की वजह से उल्टी भी होती है ! पित्त की पथरी साइज में बड़ी होने लगती हैं ! तो पित्ताशय में सोथ उत्पन्न करके मवाद का उत्पादन कर सकता है ! कभी-कभी इसकी वजह से पूरे शरीर में इंफेक्शन भी हो सकता है ! पित्त की पथरी gall stone जब पित्त की नली में फंसी रह जाती है ! तो पित्त का मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से पित्त लीवर में जाने लगता है ! ऐसी स्थिति में पीलिया भी हो सकता है !

  • पेट में दाहिनी तरफ तेज दर्द होना !
  • उल्टी होना !
  • सांस लेने में कष्ट !
  • ठंडा पसीना आना !
  • नाड़ी कमजोर होना !
  • पीलिया होना !
  • अपच होना !
  • पेट में दाहिनी तरफ के साथ पीठ कंधे में दर्द
  • दर्द के साथ कभी कभी बुखार आना !
  • पित्ताशय में सूजन !
  • मल का कलर काला होना !
  • आंखें और स्किन पीली होना !

क्या ना खाएं :

अनियमित खान-पान भी पित्त की पथरी का एक अहम कारण होता है ! ऐसे में रोगी को हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए ! जैसे फ्राइड चिप्स, जंक फूड तेज मसाले, अधिक वसा वाले भोजन जैसे अधिक वसा वाले मांस, क्रीम वाला दूध आइसक्रीम, पनीर, मलाई मेवा, चॉकलेट बैंगन, उड़द, खाने का चूना, काला अंगूर इत्यादि नहीं खानी चाहिए ! इसके अलावा फूलगोभी शलजम टमाटर पालक सोडा और शराब जैसी चीजों से बचना चाहिए !

पित्त की पथरी में क्या खाएं :

पित्त की पथरी में निम्नलिखित चीजें को लाभकारी माना जाता है !कुलथी के अलावा खीरा, तरबूज के बीज, खरबूजे के बीज, चौलाई का साग, मूली, आंवला, नींबू, अनानास, बथुआ, जवा, मूंग की दाल आदि खाएं ! कुल्थी के सेवन के साथ दिन में भरपूर मात्रा में पानी पिए ! इसके साथ शारीरिक श्रम भी करना अनिवार्य है शारीरिक श्रम करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है !

पित्त की पथरी के घरेलू उपाय :

  • पुदीने का अधिक मात्रा में सेवन पित्त की पथरी में अधिक प्रभावशाली है ! इसमें टेरपीन पाया जाता है ! जो प्रभावी रूप से पित्त की पथरी को गलाने का काम करता है ! इसकी चटनी बनाकर खाने से भी लाभ मिलता हैं ! या फिर इसकी पत्तियों को उबालकर चाय की तरह पिया जा सकता हैं !
  • विटामिन सी भी पथरी के लिए एक प्रभावी नुस्खा है ! जो पित्त की पथरी को विघटित ( गळाता) करता है ! इसलिए ऐसे चीजों का सेवन कर सकते हैं ! जिनमें विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है !
  • हल्दी भी पित्त की पथरी के लिए अति उत्तम है ! यह अपने एंटीऑक्सीडेंट और anti-inflamatory (सोथ नाशक) गुणों के कारण बहुत उपयोगी मानी जाती है ! एक चुटकी हल्दी रोज लेने से पित्त की पथरी 80% तक ठीक हो सकती है !
  • नाशपाती भी इसके लिए उपयुक्त फल है ! इसमें प्रेक्टीन नामक तत्व मिलता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है! यह कोलेस्ट्रॉल से बनी पथरी को नरम करके शरीर से बाहर निकालने का काम करता है !
  • एप्पल साइडर विनेगर के इस्तेमाल से लीवर में बनने वाले कोलोस्ट्राल में कमी आती है ! कोलेस्ट्रॉल कम बनने से पित्त की पथरी का रोग होने की संभावना कम हो जाती है !

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