बदलते लाइफस्टाइल और गलत खान पान के कारण लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिनमें से एक है ब्लड कैंसर अर्थात ल्यूकीमिया कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है ! 40 वर्ष के बाद इसके होने का खतरा अधिक होता है ! वैसे शुरुआती दिनों में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं हो पाते हैं ! जिसके कारण बाद में यह बीमारी बढ़ जाती है ! इसलिए हर किसी को इसके शुरुआती लक्षणों की जानकारी होना अनिवार्य है ! ताकि समय रहते ब्लड कैंसर का इलाज (blood cancer treatment in hindi) किया जा सकें !
आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि सुगर/डायबिटीज की तरह कैसर की बीमारी से भी लोग लड़ सकेंगे ! कैंसर जैसी बीमारी जिसे हो जाती है ! तो वह अब यह सोच सकेगा कि अब कैंसर के साथ जीवित रह सकता है !
कैंसर जैसी बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन छोटे बच्चों में एक्यूट ल्यूकीमिया .wikipedia.org अधिक होता है ! और इसके ठीक होने की संभावना सत्तर से अस्सी परसेंट होता है ! इसका समय पर इलाज शुरू करना आवश्यक होता है ! ब्लड कैंसर में प्लेटलेट्स की मात्रा में कमी आती है ! इसलिए प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ सकती है !
कभी-कभी किसी बुखार के कारण या किसी दवा के सेवन से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ जाती है ! प्लेटलेट्स की संख्या अगर 40,000 से ऊपर है तो सब कुछ ठीक है ! ब्लड सैंपल लेने के तुरंत बाद अगर इसकी जांच की जाती है ! तभी सटीक प्लेटलेट्स की संख्या निर्धारित हो पाती है !
ब्लड कैंसर के लक्षण symptoms of blood cancer in Hindi
1- लिंफ नोड्स का बढ़ना – लिम्फ नोड्स का मतलब है कि गले की ग्रंथि में सूजन होने लगती है ! यह एक गांठ के रूप में दिखाई पड़ती है ! लिंफ नोड्स में किसी भी प्रकार का परिवर्तन भी ब्लड कैंसर का सूचक हो सकता है ! ऐसी स्थिति में अभिलंब डॉक्टर से जांच कराएं !
2- गले में सूजन – ब्लड कैंसर से पीड़ित होने पर गले या अंडरआर्म्स (कांख़) में दर्द और सूजन हो सकती है साथ ही पैरों में सूजन पेट और सीने में जलन के लक्षण होने पर अविलंब जांच करानी चाहिए क्योंकि यह ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं !
3- शरीर पर निशान पड़ना – ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी ही ब्लड कैंसर का संकेत होती है ! प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के कारण रक्त वाहिकाएं टूटती है ! और त्वचा पर नीले अथवा बैगनी रंग के निशान बन जाते हैं !
4- ब्लीडिंग होना – मुंह नाक और सौच के द्वारा अगर ब्लड निकलता है तो यह ब्लड कैंसर का सूचक हो सकता है ! इन परिस्थितियों को बिल्कुल भी एवाइड ना करें इसके बारे में सजग रहें और अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें !
5- एनीमिया और बुखार – ब्लड कैंसर होने पर एनीमिया भी होती है ऐसी स्थिति में शरीर में खून की कमी हो जाती है ! साथ ही थकान कमजोरी और हल्का बुखार भी बना रह सकता है ! जो ब्लड कैंसर का सूचक हो सकता है !
6- थकावट – ब्लड कैंसर होने पर शरीर में खून की कमी होती है जिसके कारण शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है जिससे शरीर के अंगों की कार्यक्षमता भी घटने लगती है ! इसलिए कमजोरी और थकावट महसूस होती है ! blood cancer in Hindi
ब्लड कैंसर के कुछ अन्य लक्षण blood cancer other symptoms in Hindi
7- अचानक वजन का घटना – वजन का तेजी से घटना और भूख की कमी भी ब्लड कैंसर का सूचक हो सकती है ! ऐसी स्थिति में वजन तेजी से घटता है जिसके परिणाम स्वरूप शरीर में थकावट बनी रहती है!
8- हड्डियों और जोड़ों में दर्द – हड्डियों और शरीर के जोड़ों में दर्द ना सिर्फ आर्थराइटिस होने पर होता है !बल्कि ब्लड कैंसर की स्थिति में भी जोड़ों और हड्डियों में तेज दीर्घकालिक दर्द होता है ! ब्लड कैंसर अस्थि मज्जा (bone marrow) में होने वाला रोग है !
9- पेट की समस्याएं – अनियमित सफेद रक्त कोशिकाएं यकृत में जमा होने लगती हैं ! जिसके कारण पेट में सूजन और अन्य समस्याएं होने लगती हैं और भूख की कमी हो जाती है ! एसी सभी समस्याओं के निवारण हेतु डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें !
10- उल्टी होना – ब्लड कैंसर के कारण लीवर में उत्पन्न हुई खराबी के कारण उल्टी होने लगती है ! एवं भूख लगभग खत्म हो जाती है ! इन सभी लक्षणों के साथ अगर उल्टियां हो रही है तो यह ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता हैं !
11- सांस जल्दी-जल्दी लेना – एनीमिया (खून की कमी) और सफेद रक्त कोशिकाओं की अधिकता के कारण फेफड़ों और ब्लड में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है ! जिसके कारण ब्लड कैंसर से प्रभावित व्यक्ति जल्दी-जल्दी सांस लेकर ऑक्सीजन की पूर्ति करने की कोशिश करता है !
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ब्लड कैंसर के प्रकार types of blood cancer
ब्लड कैंसर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं ! blood cancer in Hindi
ल्यूकेमिया- यह ब्लड कैंसर का सबसे मुख्य प्रकार है जिसमें सफेद रक्त कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं की अपेक्षा अधिक हो जाती हैं ! ल्यूकेमिया कैंसर की शुरुआत धीमे-धीमे होती है ! परंतु बाद में घातक रूप धारण करता है !
ल्यूमफोमा- जब शरीर में लिम्फोसाइट का विकास अनियमित तरीके से हो जाता है ! तब ऐसी स्थिति में इस प्रकार का कैंसर होता है जिसे लिंफोमा कहते हैं ! जिसका इलाज कुछ दवाइयों और रेडिएशन थेरेपी द्वारा किया जा सकता है ! लेकिन शुरुआत में अगर इसका इलाज न किया जाए तो बाद में सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है !
मायलोमा- इस प्रकार के कैंसर में प्लाज्मा कोशिकाऐं अफेक्टेड होती हैं ! जिसके द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है ! साथ ही कैल्शियम की भी कमी होने लगती है जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं ! जिसकी पूर्ति डॉक्टर कैल्शियम की गोलियां देकर करते हैं !
कौन से फैक्टर ब्लड कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं
ल्यूकेमिया किसके कारण होता है इसका ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है ! परंतु कुछ मुख्य कारण हैं जो ल्यूकेमिया के जोखिम को बढ़ाते हैं ! जैसे स्मोकिंग शराब का सेवन ब्लड डिसऑर्डर जेनेटिक डिसऑर्डर परिवार में कैंसर का इतिहास एवं हाई लेवल रेडिएशन इत्यादि ! blood cancer in Hindi
कितना खतरनाक है ब्लड कैंसर
ल्यूकेमिया के कारण शरीर की बहुत से अंग कार्य करना बंद कर सकते हैं ! जैसे किडनी फेफड़े टेस्टिस हृदय इत्यादि ! सही इलाज नहीं होने पर मृत्यु तक हो सकती है ! ब्लड कैंसर के इलाज में शामिल है कीमोथेरेपी रेडिएशन थेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन ! स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन को बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है ! जो एक बेहद महंगी प्रक्रिया है !
ब्लड कैंसर का इलाज blood cancer treatment in hindi
दवाई लेना:- दवाई लेना ब्लड कैंसर का सबसे आसान और सस्ता उपाय है ! डॉक्टर कुछ दवाई दे सकते हैं जो ब्लड कैंसर को विकसित होने से रोकती हैं ! जो भविष्य में ब्लड कैंसर का ट्रीटमेंट करने में सहायक होती हैं ( blood cancer in Hindi) !
रेडिएशन थेरेपी कराना:- वैसे तो रेडिएशन थेरेपी हर बार सफल नहीं होती है परंतु डॉक्टर इसका प्रयोग करते हैं क्योंकि कुछ मामलों में यह बहुत लाभदायक होती है !
कीमोथेरेपी :- अक्सर डॉक्टर कीमोथेरेपी का भी प्रयोग करते हैं ! जिसमें सर्जरी के द्वारा कैंसर युक्त कोशिकाओं को हटाया जाता है ! जिससे कि यह शरीर के अन्य अंगों में ना फैलने पाए ! यह भी एक ब्लड कैंसर के इलाज की प्रभावी प्रक्रिया है !
मानिटरिंग करना :- ब्लड कैंसर की मानिटरिंग करना भी एक बेहतर तरीका होता है ! इसमें शरीर की अंदरूनी गतिविधियों पर निगाह रखी जाती है ! और उसी के अनुसार जांच और इलाज ट्राई किया जाता है ! जो कभी-कभी सफल हो जाता है !
कैंसर सर्जरी कराना:- उपर्युक्त किसी भी तरीके से जब ब्लड कैंसर का इलाज सफल नहीं हो पाता है ! तो विशेषज्ञ सर्जरी की सलाह देते हैं ! ऑपरेशन ब्लड कैंसर के सफल इलाज का सर्वोत्तम उपाय है ! ब्लड कैंसर और अन्य कैंसर के स्टेज में काफी अंतर होता है ब्लड कैंसर में शरीर की हर कोशिकाओं में कैंसर होता है ! इसमें स्टेज का कोई महत्त्व नहीं होता है सिर्फ ब्लड कैंसर के मुख्य कारणों को समझना होता है !
कैंसर की मेन कोशिका को टारगेट करना
अब ऐसी दवाएं आने वाली हैं जिसके द्वारा यह जाना जा सकता है कि ब्लड कैंसर की शुरुआत किस कोशिका द्वारा हुई है ! ऐसा पता चलते ही उस कोशिका को टारगेट किया जाता है ! और दवाओं के द्वारा उस कोशिका को नष्ट किया जा सकता है ! अब ऐसा भी हो सकता है कि शुगऱ या डायबिटीज की तरह लोग ब्लड कैंसर से भी लड़ सकेंगे !