चेचक (Smallpox) एक वायरस के कारण होता है जिसका नाम वेरीसैला जोस्टर वायरस (Varicella-zoster virus) है यह एक भयानक संक्रामक रोग है ! चेचक से पीड़ित व्यक्ति के दानों से छिलके उतरते हैं और यह हवा मे फैलकर दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं ! इसके अलावा रोगी की नाक सिनक, छिंक, कपड़े ! और खाने के बर्तन से भी इसकी छूत दूसरों को लग सकती है !
रोगी के ठीक हो जाने के बाद भी वह दूसरों को संक्रमित कर सकता है ! यह प्रौढ़ावस्था की अपेक्षा बच्चों को अधिक हुआ करता है ! इसकी शुरुआत में बुखार आता है ! फिर सिर दर्द और गले में खराश नहीं होती है ! और इसके तीसरे चौथे दिन बाद इस के दाने निकलते हैं !
दाने निकलने के दो-तीन दिन बाद फुंसियों में पारदर्शी द्रव भर जाता है ! दानों के निकलने से रोगी कहां तक समझ जाता है ! इस सूजन के कारण उसकी आंखें बंद होने जैसी प्रतीत होती है ! किसी किसी को यह दाने आंखों के भीतर भी निकल आते हैं !
जिससे एक या कभी-कभी दोनों आंखों से रोगी को हाथ धोना पड़ता है आमतौर पर दसवीं दिन से दानों का पानी सूखने लगता है और लगभग चार-पांच दिन में यह सब खुश्क होकर सूख जाते हैं ! परंतु इंन दानों के निशान हल्के गहरे रंग में शेष रह जाते हैं !
जो आजीवन बने रहते हैं ! इस के प्रारंभिक लक्षणों में जी चलाना सिर दर्द पीठ में दर्द पैरों में दर्द शरीर में ऐंठन बुखार गल ग्रंथी सोथ खांसी गला बैठ जाना और नाक बहना आदि लक्षण होते हैं ! चेचक के दाने शुरुआत में ललाट पर फिर कलाई पर और अंततः पूरे शरीर पर निकल आते हैं !
इस रोग के परिणाम स्वरूप बच्चों में बहरापन और अंधापन के साथ-साथ मृत्यु का भी खतरा बना रहता है ! इसलिए इसकी उचित चिकित्सा के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी चाहिए !
चेचक के कारण
इस रोग का मुख्य कारण /Varicella_zoster_virus है ! इसके साथ साथ रोगी के दाने के छिलके का उतर कर हवा में फैलना भी इसका मुख्य कारण है ! पीड़ित व्यक्ति का वायरस हवा में फैल कर दूसरों को संक्रमित करता है ! यह वायरस पीड़ित के नाक श्राव थूक छिंक और त्वचा से अलग हुए खुरंड द्वारा दूसरों में भी फैलता है ! यह वायरस दो प्रकार का होता है इनके द्वारा एक चिकन पॉक्स (chicken pox) और दूसरी स्मालपॉक्स (smallpox) की बीमारी होती है ! जिन बच्चों को वेरीशेला वैक्सीन का टीकाकरण नहीं हुआ है उन्हें स्मालपॉक्स होने का खतरा बढ़ जाता है !
चेचक के लक्षण symptoms of smallpox
ऐसा माना जाता है कि smallpox रोग का उद्भव काल 2 सप्ताह तक चलता है ! कभी-कभी इससे कम भी हो सकता है ! इसमें सर्वप्रथम तेज बुखार आता है और बुखार के साथ ही रोगी को सिर दर्द और गले में खराश और उल्टी भी होती है ! तीसरे दिन मुंह और हथेली पर लाल लाल दाने निकलना प्रारंभ हो जाते हैं ! इसके बाद यह दाने पूरे शरीर पर फैल जाते हैं पांचवें या छठे दिन इन दानों में पानी भर जाता है ! दानों के निकलने से पीड़ित व्यक्ति का मूंह सूज जाता है !
मुंह सूजने और आंखों के बंद होने से देखने में दिक्कत होती है ! कभी-कभी यह दाने आंखों के भीतर भी निकल जाते हैं ! दाने से पानी सूखने के बाद त्वचा पर हल्के गहरे रंग के निशान आजीवन बने रहते हैं कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं !
- शुरुआत में तेज बुखार आना
- बुखार आने के बाद चेहरे और हथेलियों पर दानोंं का निकलना
- सिर दर्द और उल्टी होना
- गले में खराश होना
- पीठ तथा कमर दर्द
- शरीर में ऐंठन होना
- खांसी और गलसोथ होना
- नाक बहना और गला बैठना
- चेहरे पर सूजन होना
- पहले चेहरे फिर हथेली और अंत में पूरे शरीर पर लाल लाल दाने निकलना
चेचक होने पर क्या खाएं
चेचक smallpox होने पर मुंह में छाले और भूख ना लगने की समस्या आम होती है ! ऐसी स्थिति में मौसमी फलों का रस लिया जा सकता है ! इसके अलावा खीरा तरबूज मूली आंवला अनानास आदि लिया जा सकता है ! विटामिन सी युक्त फल फ्रूट लिया जा सकता है ! परंतु अगर मुंह में छाले भी है तो विटामिन सी युक्त फलों से बचना चाहिए अन्यथा मुंह में जलन हो सकती है ! साथ ही दालचीनी और तुलसी युक्त हर्बल चाय पीना लाभदायक हो सकता है ! अगर मुंह में छाले नहीं है तो इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार फलों को अवश्य खाएं !
चेचक होने पर क्या नहीं खाएं
चेचक smallpox होने पर कभी-कभी मुंह में छाले और पेट की पाचन क्रिया खराब हो जाती हैं ! इसलिए गरिष्ठ भोजन और विपरीत फल सब्जियां नहीं खानी चाहिए ! बैंगन टमाटर उड़द अरहर की दाल चॉकलेट मद्यपान मांसाहार और अत्यधिक तेल मसाले बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए ! इन्हें खाने से शरीर पर छालों की संख्या और खुजली बढ़ सकती हैं !
चेचक के छालों को शरीर पर फैलने से कैसे रोकें
चेचक smallpox के दानों पर चंदन का तेल लगाने से जलन कम होती है ! और फफोले भी कम होते हैं ! इसके अलावा लैक्टो कैलामाइन पाउडर या क्रीम लगाने से जलन खुजली और फफोलों को कम किया जा सकता है ! जब तक छाले कम ना हो जाए तब तक बाहर या सार्वजनिक जगहों में ना निकले ! बेकिंग सोडा युक्त पानी से स्नान किया जा सकता है ! साथ ही छालों को नाखून से फोड़ने से बचना चाहिए ऐसा करने से छालों की संख्या तेजी से बढ़ती है !
चेचक के जोखिम
वैसे तो स्मालपॉक्स smallpox एक सामान्य बीमारी है परंतु फफोलों की संख्या बढ़ने पर कानों में बहरापन और आंखों की रोशनी तक चली जाती है ! चेचक के घातक लक्षणों के कारण 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु तक हो सकती है ! 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया /pneumonia- जैसे कंपलीकेशन हो सकते हैं !
चेचक के उपचार smallpox treatment
चेचक smallpox होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए हालांकि चेचक की कोई भी ज्ञात पेटेंट दवाई अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है ! परंतु आपके डॉक्टर लक्षणों के अनुसार बुखार दर्द और छालों की जलन को कम करने के लिए कुछ दवाएं भी रिकमेंड कर सकते हैं ! जिनमें एंटीपायरेटिक एंटीवायरल एंटीहिस्टामिनिक इत्यादि शामिल है ! अपने आपसे एंटीबायोटिक या किसी अन्य दवा का सेवन कतई ना करें इससे छालों की संख्या बढ़ सकती है !