त्रिफला तीन फलों या जड़ी बूटियों आंवला, बहेड़ा और हरड का एक संयोजन है ! आयुर्वेद में इसे त्रिदोष रसायण (Triphala churn ke fayde) के रूप में जाना जाता है ! अर्थात् एक चिकित्सीय एजेंट जो तीनों दोषों- कप, वात और पित्त को संतुलित करता है ! यह विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है ! जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को उन्नत बनाने में मदद करता है ! सुबह खाली पेट त्रिफला की खुराक लेना इसके डिटॉक्सिफाइंग गुण के कारण आंतरिक सफाई के लिए फायदेमंद हो सकता है ! त्रिफला चूर्ण वजन घटाने में भी मदद करता है ! इसमे एंटीऑक्सिडेंट होने के कारण कुछ हृदय रोगों से सुरक्षा भी प्रदान करती है ! त्रिफला चूर्ण जब दूध के साथ लिया जाता है या त्रिफला कैप्सूल का सेवन किया जाता है ! तो इसके रेचक गुण के कारण कब्ज से राहत मिलती है !
त्रिफला और नारियल के तेल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है ! और इसकी एंटी-एजिंग गुण के कारण त्वचा कम उम्र की दिखती है ! त्रिफला अपनी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण आँखों के लिए भी अच्छा माना जाता है ! जो आँखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। त्रिफला बालों के झड़ने को नियंत्रित करने में भी मदद करती है ! और विटामिन सी की उपस्थिति के कारण स्कैल्प पर लगाने पर बालों के विकास को बढ़ावा देती है ! त्रिफला सभी प्रकार की त्वचा के लिए सुरक्षित है ! लेकिन अगर आपकी त्वचा शुष्क है ! तो त्रिफला को नारियल के तेल के साथ प्रयोग करने की सलाह दी जाती है !
त्रिफला चूर्ण क्या है what is triphala churn, ke fayde
त्रिफला 3 जड़ी बूटियों हरीतकी, बिभितकी और अमलकी का एक सम्मिश्रण है ! त्रिफला सबसे अच्छी तरह से अध्ययन किए गए आयुर्वेदिक योगों में से एक है ! कई शोधों के अनुसार इसमें जीवाणुरोधी, ऐंटिफंगल, फ्री रेडिकल स्केवेंजिंग ! एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, लैक्सेटिव, एंटीऑर्थरिटिक, एंटीसेप्टिक, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीहाइपरलिपिडिमिक हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटी-स्ट्रेस, एंटीकैंसर, कैमोप्रेवेंटिव, केमोप्रोटेक्टिव, रेडियोप्रोटेक्टिव और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पर्याप्त मात्रा में मौजूद है !
त्रिफला चूर्ण के फायदे Triphala churn ke fayde
जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत हो रहा कि इसमें 3 जड़ी बूटियों का समावेश है ! जिससे अनेको स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है ! आइए अब Triphala churn ke fayde को समझते हैं जो निम्नलिखित हैं !
1- इम्युनिटी बढ़ाए triphala churn ke fayde
तीन जादुई फलों की अच्छाई शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ! और स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया, ई कोलाई आदि के कारण होने वाले संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा करने के लिए एक शक्तिशाली संयोजन है। इसके अलावा यह रक्त परिसंचरण को भी बढ़ावा देता है ! और एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है !
2- मोटापा कम करने में सहायक
त्रिफला एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो वजन कम करने में आपकी मदद करती है। यह शरीर में कोलेसीस्टोकिनिन हार्मोन के स्राव को बढ़ा देता है ! जो मस्तिष्क को संकेत देता है कि पेट भरा हुआ है, जिससे आप पूर्ण और तृप्त महसूस करते हैं। पेट की चर्बी कम करने और वजन कम करने के लिए गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार एक चम्मच चूर्ण लें !
3- शरीर को डिटॉक्सिफाई करें
त्रिफला शरीर को डिटॉक्स करने और हानिकारक विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में सक्षम है। यह चूर्ण अद्भुत तरीके से त्वचा की चमक बरकरार रखकर त्वचा से सभी मृत कोशिकाओं को हटाता है। त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट की समृद्धता आंत्र स्वास्थ्य, पाचन प्रक्रिया का समर्थन करती है ! और विषहरण में मदद करती है साथ ही विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाती है ! इसके लिए 1 सप्ताह तक खाली पेट त्रिफला का सेवन करें !
4- आंखों को हेल्दी बनाएं
त्रिफला आंखों के लिए एक बेहतरीन जड़ी बूटी है और अच्छी दृष्टि बनाए रखने में मदद करता है। यह ग्लूकोमा, नेत्रश्लेष्मलाशोथ और मोतियाबिंद जैसी विभिन्न आंखों की समस्याओं के इलाज में सहायता करता है। साक्ष्य ने साबित किया है कि त्रिफला आई ड्रॉप कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। दो चम्मच त्रिफला को गर्म पानी में भिगोएँ और इसे रात भर रहने दें। सुबह पानी को छान लें और इस पानी से अपनी आंखों को धोएं !
5- मसूड़ों को मजबूत बनाएं
त्रिफला के मजबूत रोगाणुरोधी गुण मसूड़े की सूजन, मसूड़ों की बीमारी, मुंह के छाले और प्लक जैसी दंत समस्याओं से निपटने में प्रभावी है। यहां तक कि साक्ष्य ने साबित किया है कि त्रिफला अर्क के साथ रिन्सिंग से मसूड़े की सूजन और प्लक के इलाज में triphala ke fayde मिलते है !
6- कब्ज से मुक्ति दिलाए
त्रिफला का उपयोग प्राचीन काल से कब्ज जैसे पाचन समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है। यह ओवर-द-काउंटर जुलाब का एक विकल्प है और कई अध्ययनों में इसकी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया गया है। एक अध्ययन में, इसबगोल की भूसी, सेन्ना के अर्क और त्रिफला युक्त एक रेचक का वर्णन है ! जिसमें रोगियों ने कब्ज के लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार का अनुभव किया ! एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया कि त्रिफला ने कब्ज, पेट में दर्द और पेट मे बनने वाली गैस को कम कर दिया !
7- कैंसर के खिलाफ सुरक्षा
त्रिफला को कई प्रकार के टेस्ट-ट्यूब और जानवरों के अध्ययन में कैंसर से बचाव के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। उदाहरण के लिए यह लिम्फोमा के विकास को बाधित करने के साथ- साथ अग्नाशय के कैंसर से बचाव करता है ! इस हर्बल उपचार ने टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में बृहदान्त्र और प्रोस्टेट कैंसर की मृत कोशिका को भी प्रेरित किया ! शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि त्रिफला के उच्च स्तर के शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट जैसे गैलिक एसिड और पॉलीफेनोल कैंसर से लड़ने मे सक्षम हैं !
8- कंट्रोल डायबिटीज
त्रिफला टाइप 2 मधुमेह के रोगियों की मदद करने के लिए जाना जाता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया लेख से पता चला कि त्रिफला आपके शरीर में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करने में मदद करता है। Bibhitaka में फाइटोकेमिकल्स पाया जाता है ! जो अग्न्याशय से इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देते हैं! जिससे शर्करा का स्तर कम होता है और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार होता है !
9- इंप्रूव डाइजेशन Triphala churn ke fayde
त्रिफला एक अच्छा प्राकृतिक रेचक है जो आपके कब्ज को ठीक करने और मल त्याग को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकता है। यह आंत्र सिंड्रोम से निपटने के लिए एक अच्छा विकल्प भी है। साथ ही त्रिफला आपके आंतों के ट्रैक्ट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाकर पाचन क्रिया को भी मजबूत बनाता है !
10- बालों को पोषण
त्रिफला पुरुषों और महिलाओं दोनों में बालों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बहुत लोकप्रिय माना जाता है। त्रिफला का सेवन और त्रिफला का पेस्ट बालों में लगाना दोनों ही फायदेमंद होता है। चूंकि त्रिफला का सेवन पाचन स्वास्थ्य को बढ़ाता है ! और पेस्ट बालों में लगाने से यह आपके बालों को मजबूत और सुंदर बनाता है। त्रिफला में एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं। जो आपको एक साफ-सुथरी (Dandruff free) खोपड़ी प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
11- उम्र बढ़ने से रोके
त्रिफला मानव त्वचा कोशिकाओं पर अत्यधिक सुरक्षात्मक एंटीएजिंग प्रभाव डालता है ! त्रिफला मानव त्वचा कोशिकाओं की जीन अभिव्यक्ति को प्रभावित करता है ! त्रिफला सुरक्षात्मक फाइटोकेमिकल्स की उपस्थिति के कारण मेलेनिन उत्पादन और हाइपरपिग्मेंटेशन को बाधित करने मे सक्षम पाया गया है ! इसके अलावा त्रिफला अपने संभावित त्वचीय प्रभावकारी प्रभावों को प्रदर्शित करते हैं ! जैसे कोलेजन और इलास्टिन को बढ़ाना, कोशिकीय शिशुओं को बढ़ाना, और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करना इत्यादि !
12- मुहासे को ठीक करें
त्रिफला मुंहासे या पिंपल्स जैसी त्वचा की समस्याओं के मामले में अच्छा परिणाम देता है ! त्वचा पर त्रिफला का उपयोग करने से इसके पित्त-कफ संतुलन गुणों के कारण ! मुँहासे या पिंपल्स को कम करने में मदद मिलती है ! इसके लिए आधा से एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें ! और इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाएं ! इस पेस्ट को त्वचा पर धीरे से रगड़ कर अपने चेहरे पर लगाएं ! अब त्रिफला मास्क 15 मिनट के लिए छोड़ दें ! फिर सादे गुनगुने पानी से चेहरे को रगडकर धो ले !
13- लीवर मजबूत करें
त्रिफला यकृत की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है ! आयुर्वेद के अनुसार, अग्नि (पाचन अग्नि) और पित्त दोष के साथ जिगर का घनिष्ठ संबंध है !अग्नि और पित्त दोष में किसी भी असंतुलन से यकृत हानि होती है ! त्रिफला के नियमित सेवन से त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) संतुलन वाले गुण के कारण अग्नि और पित्त को संतुलित करने में मदद मिलती है। यह अपने रसायण (कायाकल्प) प्रकृति के कारण यकृत को स्वस्थ और मजबूत रखता है !
14- ह्रदय मजबूत बनाएं
त्रिफला आपके दिल के लिए एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है ! क्योंकि यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने या बढ़ाने में मदद करता है ! ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस चूर्ण के सेवन से आपके रक्त संचार में सुधार होता है ! आपका खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है और आपका रक्तचाप नियंत्रित होता है। ये सभी कारक मिलकर समग्र हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और इस प्रकार हृदय को स्वस्थ रखते हैं। इसलिए, अच्छे कार्डियो स्वास्थ्य के लिए, आप त्रिफला को आजमाना पसंद कर सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण का सेवन कब नहीं करना है
इसमें तीन हर्बल तत्व होते हैं इसके किसी भी पूरक के सेवन से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। त्रिफला लेने से पहले निम्नलिखित पर विचार करें !
गर्भावस्था के समय- गर्भवती या स्तनपान कराते समय त्रिफला का उपयोग करने की प्रभावशीलता या सुरक्षा का कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो आपको इसका उपयोग नहीं करना चाहिए ! ऐसी परिस्थिति में यह आपके लिए हार्मफुल हो सकता है ! इसके सेवन से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
ब्लड थिनर मेडिकेशन के समय- यदि आप वारफारिन जैसी रक्त पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं !तो आपको त्रिफला को अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ! कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह ऐसी दवाओं की प्रभावशीलता को कम कर सकता है !
लो ब्लड प्रेशर के समय- यदि आप निम्न रक्तचाप से पीड़ित हैं ! तो आपको त्रिफला के सेवन से बचना चाहिए ! इस पॉलीहर्बल उपाय को लेने से आपका रक्तचाप बहुत कम हो सकता है !
दस्त के समय- अध्ययन मे प्रमाणित हैं कि कब्ज के लिए त्रिफला एक प्रभावी उपचार है। हालांकि, बहुत अधिक लेने से पेट में ऐंठन, पेट खराब और दस्त हो सकता है। खाली पेट पर त्रिफला का सेवन करने से पेट दर्द का खतरा बढ़ सकता है !