डेंगू के कारण मृत्यु तक हो सकती है यह एक मच्छर जनित रोग है ! यह मच्छरों के काटने से होता है ! जिसका नाम ऐडीस (Aedes) मच्छर है ! अक्सर डेंगू से मृत्यु होने के समाचार टीवी और अखबारों में मिलते रहते हैं ! एक मच्छर कई बीमारियों का कारण बनता है डेंगू (Dengue fever) उनमें से एक है !
इसलिए प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि इसके प्रति सावधानी बरती जाए ! डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है जो एडीज मच्छरो के बाइट करने से होता है ! वैसे डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित होने से नहीं फैलता है ! अर्थात यह संक्रामक रोग नहीं है एडीज मच्छर दिन के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं ! मच्छरों की तादाद बढ़ने से डेंगू के फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है !
डेंगू से पीड़ित होने पर तेज बुखार शरीर पर दाने निकलना मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ इसके लक्षण आते हैं ! सही इलाज ना मिलने पर रक्त स्राव और रक्तचाप में गिरावट के साथ ही मृत्यु भी हो सकती है ! इसे खतरनाक डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में पहचाना जाता है !
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के निदेशालय के मुताबिक, भारत में 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 80,000 से जादा मामले सामने आए हैं ! कर्नाटक जैसे राज्य में लगभग 12,650 मामले सामने आए थे ! भारत के अनेक राज्यों में डेंगू स्थानिक स्तर पर बढ़ता है !
बरसात और मानसून के समय कुछ राज्यों में बारिश होने पर डेंगू फैलने लगता है ! स्थिर पानी की स्थिति मच्छरों या वैक्टर को प्रजनन करने का अवसर प्रदान करती है !
डेंगू बुखार के कारण causes of dengue fever
डेंगू बुखार (Dengue fever) मुख्यत: एडीज एजिप्टी (Aedes_aegypti) मच्छर के काटने से होता है ! जब यह मच्छर किसी को बाइट करता है तब डेंगू के वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं ! और व्यक्ति डेंगू बुखार से पीड़ित हो जाता है !
अगर एडीज मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद अगर किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है ! तो उसे भी डेंगू बुखार हो सकता है ! इन मच्छरों के पीठ पर धारियां होती हैं और यह मच्छर ज्यादातर सुबह के समय ही काटता है !डेंगू बुखार बरसात के मौसम यानी जुलाई से अक्टूबर तक अधिकांशत: होता है !
डेंगू बुखार के प्रकार types of dengue fever
डेंगू के वायरस मुख्यतः चार प्रकार के सिरोटाइप होते हैं जो निम्नलिखित हैं !
- डेनवी – 1 (DENV-1)
- डेनवी – 2 (DENV-2)
- डेनवी – 3 (DENV-3)
- डेनवी – 4 (DENV-4)
अगर किसी व्यक्ति को इनमें से किसी भी एक प्रकार के वायरस से संक्रमण हो चुका है ! तो वो जीवनभर उस प्रकार के डेंगू (Dengue fever) वायरस से पीड़ित होने से बच जाता है ! फिर भी बाकी के अन्य तीन प्रकार के संक्रमण से वह कुछ ही समय तक बचा रहता है !
डेंगू का इलाज करने के लिए उसके लक्षणों को भली भांति समझना अनिवार्य है ! अब इसके लक्षणों को विस्तार से समझते हैं
डेंगू बुखार के लक्षण symptoms of dengue fever
डेंगू (Dengue fever) का इलाज करने के लिए डेंगू के लक्षण जानने जरूरी है ! हालांकि सामान्य बुखार और डेंगू बुखार के लक्षण में अंतर करना बहुत मुश्किल होता है ! क्योंकि डेंगू के लक्षण लगभग सामान्य बुखार की तरह ही होते हैं ! डेंगू के लक्षणों को लिस्ट के अनुसार समझते हैं !
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- सर्दी-जुकाम
- उल्टी या जी मिचलाना
- नाक बंद होना
- सिरदर्द
- गले में खराश
- जोड़ों में दर्द
- खांसी /cough
- आंखों में दर्द
डेंगू बुखार का घरेलू उपचार treatment
आइए अब जानते हैं डेंगू बुखार Dengue fever के कुछ घरेलू ट्रीटमेंट के बारे में !
मेथी के पत्ते
एक से दो चम्मच मेथी के सूखे पत्ते का पाउडर बनाकर एक गिलास पानी में मिलाकर उबाल लें ! उबाल आने के बाद छान लें और इसे चाय की तरह पिऐं ! जब तक स्वास्थ्य ठीक ना हो जाए ! तब तक रोजाना दिन में दो बार इसका सेवन किया जा सकता है !
मेथी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एंटीपायरेटिक तत्व डेंगू बुखार को ठिक करने में सहायता कर सकते हैं ! साथ ही साथ मेथी के बीज का भी उपयोग किया जा सकता हैं !
पपीते के पत्ते
एक मुट्ठी पपीते के पत्तों को पीसने के बाद उसका अर्क निकाल लें ! इसे डायरेक्ट ऐसे ही पी सकते हैं या इसमें स्वाद के लिए पानी और शहद भी मिला सकते हैं ! इसे रोज दो से तीन बार पी सकते हैं ! यह डेंगू के लिए बेहद असरकारक उपाय है !
पपीता के पत्ते में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट बहुतायत मात्रा में होते हैं ! इसके सेवन से इम्यूनिटी पावर और प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि होती हैं !
तुलसी के पत्ते
एक से दो मुट्ठी तुलसी के पत्ते और दो चुटकी काली मिर्च इन सब को 3 कप पानी में 3-4 मिनट उबालने के बाद छान ले ! इसे ठंडा होने के बाद इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें ! इसका प्रयोग सुबह शाम कर सकते हैं ! यह एंटीमाइक्रोबियल्स गुण के कारण डेंगू में विशेष लाभप्रद है !
नीम के पत्ते
एक गिलास पानी में नीम के पत्तों को अच्छी तरह उबाल लें ! अब नीम के पानी को छान लीजिए और ठंडा होने के लिए रख दें ! नीम का पानी जब गुनगुना ठंडा हो जाए तो इसमें शहद मिलाकर सेवन करें ! इसका प्रयोग रोजाना दो बार करें ! नीम नेचुरल औषधी के रूप में बहुत पहले से उपयोग किया जा रहा है ! नीब के पत्तों को अपने एंटीवायरल गुणों के लिए जाना जाता है !
नीम का प्रयोग डेंगू बुखार के इलाज के लिए किया जा सकता है ! नीम के पत्तों को डेंगू वाइरस के इलाज में बहुत असरदार पाया गया है !
सेब का जूस
एक कप सेब का रस लीजिए साथ ही इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाइएं रोज दो बार इस जूस के मिश्रण का प्रयोग करें ! जैसा कि लोग कहते हैं अगर डॉक्टर को दूर रखना है तो रोज एक सेब खाओ ! ठीक है उसी प्रकार अगर डेंगू से मुक्ति पाना है !
तो सेब का जूस या सेब को अपने भोजन में शामिल करें ! यह शरीर को पोषण देकर शरीर को मजबूत बनाता है ! और बीमारियों को दूर भगाता है !
डेंगू बुखार से बचाव कैसे करें prevention
घर और घर के आस-पास साफ सफाई रखनी चाहिए जिससे कि मच्छर ना पनपने पाएं ! मच्छरों को दूर भगाने के लिए मॉस्कियूटो कॉइल मॉस्कियूटो लिक्विड और मच्छरदानी का प्रयोग करें ! फुल बांह के कपड़े पहने एवं कूलर, फूलदान जैसी जगहों में जहां पानी जमा होते हैं ! वहां रोजाना पानी बदले और खिड़की-दरवाजे बंद रखें !
साथ ही खिड़की और दरवाजे जालीदार युक्त होने चाहिए ! जिससे कि मच्छरों से बचाव हो सके ! डेंगू बुखार Dengue fever अगर उपर्युक्त घरेलू उपचार से ठीक नहीं होता है ! तब आपको डॉक्टर से अच्छी तरह जांच कराके इलाज कराने की जरूरत है !
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