Knee pain घुटनों के दर्द का कारण और घरेलू उपाय

Knee pain घुटनों के दर्द का कारण और घरेलू उपाय

कई अन्य रोगों की तरह घुटनों का दर्द के लिए कोई इंफेक्शन या वाह्य कारण जिम्मेदार नहीं हुआ करते हैं ! इसके लिए हमारे खान-पान का असंतुलन और अधिक वजन जिम्मेदार होता है ! जिसके कारण शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है ! अगर खानपान संतुलित ना हो तो प्राप्त यूरिक एसिड का कुछ अंश शरीर में रह जाता है और यह शरीर में बढ़ने लगता है ! इसी विषय का समाधान है Knee pain घुटनों के दर्द का कारण और घरेलू उपाय !

शरीर में इकट्ठा हुए यूरिक एसिड को जब तक एलकालाइज निष्क्रिय करते रहते हैं तब तक तो सब ठीक रहता है ! परंतु किसी अन्य कारण से जब यूरिक एसिड शरीर में इकट्ठा होने लगता है ! तब यह जोड़ों के बीच या मांस पेशियों में जमा होने लगता है ! जो बाद में अर्थराइटिस या घुटनों के दर्द के रूप में अपना प्रभाव दिखाता है !

एक शोध के अनुसार 80 से अधिक बीमारियों में अर्थराइटिस या घुटनों के दर्द के लक्षण हो सकते हैं ! इन में सम्मिलित है रूमेटिक आर्थराइटिस ओस्टियो आर्थराइटिस गठिया /Gout वात ट्यूबरक्लोसिस ! और दूसरे अनेक इंफेक्शन इत्यादि ! हमारे देश में वह यह मानकर चलते हैं ! कि 50 साल की उम्र के बाद घुटनों के दर्द की बीमारी होना ही है !

घुटनों के दर्द का मतलब है कि जोड़ों में दर्द घुटनों में सूजन एवं जलन यह एक अथवा दोनों पैरों में हो सकता है ! इसके भयावह दर्द को बर्दाश्त करना लगभग मुश्किल होता है रोगी का उठना बैठना तक दुश्वार हो जाता है ! इसमें कभी-कभी मरीज की हालत इतनी बिगड़ जाती की है !

कि वह अपने पैरों को हिला डूंला नहीं सकता खास तौर पर स्त्रियों में यह बीमारी अधिकांशत: होती है ! शरीर का वजन बढ़ जाने पर पूरा भार घुटनों पर पड़ता है यह भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण है !

घुटनों के दर्द का कारण Causes of knee pain

अव्यवस्थित जीवन शैली और खानपान के कारण शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिङ इस रोग की मुख्य वजह हैं ! यह समस्या आलसी प्रवृत्ति के लोगों में भी अधिक होती है ! जिन लोगों को यह समस्या होती है ! उन्हें अक्सर पेट की गड़बड़ी भी होती है ! यदि माता-पिता को घुटने के दर्द knee pain की समस्या है ! तो आने वाली पीढ़ी में भी यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है ! पेशाब से संबंधित रोग भी घुटने के दर्द में सहायक होते हैं ! आइए अब कुछ निम्नलिखित कारणों को लिस्ट के अनुसार समझते हैं !

  • घुटनों के जोड़ों में यूरिक एसिड की अधिकता
  • घुटनों के जोड़ों में यूरेट आफ सोडियम की अधिकता
  • आनुवंशिकता
  • पेशाब संबंधित बीमारी /frequent-urination
  • बदहजमी
  • रूमेटिक अर्थराइटिस
  • ओस्टियो आर्थराइटिस
  • ट्यूबरकुलोसिस
  • इंफेक्शन
  • वर्साइटिस
  • संधि शोथ
  • गाउट
  • डिसलोकेशन
  • गलत ढंग से बैठना
  • घुटनों में लुब्रिकेंट का कम होना
Knee pain घुटनों के दर्द का कारण और घरेलू उपाय

घुटनों के दर्द से बचाव कैसे करें

जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके घुटनों के दर्द से बचा जा सकता है ! साथ ही सावधानीपूर्वक एक्सरसाइज या जांगिग किया जा सकता है ! कुछ निम्नलिखित सुझाव जो घुटनों का दर्द knee pain कम करने में सहायक हो सकते हैं

  • सावधानीपूर्वक व्यायाम / अगर कुछ पुराने घुटने के दर्द की समस्याएं बार-बार होती है ! तो एक्सरसाइज को बदलने की जरूरत है कम से कम सप्ताह में 3 दिन हल्के व्यायाम तैराकी या मॉर्निंग वॉक पर अवश्य जाएं ! कभी-कभी हार्ड गतिविधियों को कम करके हल्की गतिविधि अपनाने से राहत मिलती है !
  • वजन अधिक है तो कम करें / अधिक वजन भी घुटनो का दर्द का कारण बनता है ! शरीर का पूरा वजन घुटनों पर होता है जिसे घुटनों के दर्द की समस्या होती है ! अतिरिक्त वजन को कम करके भी घुटनों के दर्द से राहत पाई जा सकती है !
  • शरीर को लचीला रखें / अत्यधिक तनावपूर्ण मांसपेशियां घुटनों के दर्द या घुटनों की चोट का कारण बनती हैं ! हल्का व्यायाम या जांगिग करके शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाया जा सकता है ! जो घुटनों का दर्द कम करने में सहायक होती हैं !
  • जीवन शैली में बदलाव करें / जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके घुटने के दर्द से राहत पाई जा सकती है ! साथ ही कब्ज की समस्या को दूर करें !

घुटनों के दर्द के लक्षण symptoms of knee pain

घुटनों का दर्द अक्सर 50 वर्ष की उम्र के बाद अधिकांशत: स्त्रियों को हुआ करता है ! हल्के दर्द के साथ शुरू होता है परंतु बाद में यह कष्टदायक बन जाता है ! और घुटनों के जोड़ों में दर्द के साथ सूजन एवं जलन भी होती है ! जिसके कारण व्यक्ति का उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है ! घुटनों के दर्द knee pain में व्यक्ति को कब्ज की शिकायत भी रहती है ! घुटनों को पूरी तरह से मोड़ना या सीधा करने में असमर्थ होना भी इसका मुख्य लक्षण है !

  • सूजन और अकड़न
  • घुटनों की त्वचा का लाल होना
  • होने पर गरम महसूस होना
  • चलने फिरने में अस्थिरता
  • घुटनों को मोड़ने और सीधा करने में असमर्थता
  • घुटनों में जलन

घुटनो के दर्द का जोखिम

वैसे तो घुटनों का दर्द कुछ प्रयास करने के बाद ठीक हो जाता है ! परंतु जब यह अधिक समय तक बना रहता है ! तब इसके जोखिम भरे लक्षण दिखाई देते हैं ! खासकर मोटे लोगों और बुजुर्गों में यह समस्याएं होती है ! तेजी से भागते चलते या सीढ़ियों पर चढ़ते समय ! घुटनों पर लगभग 3 किलो अतिरिक्त वजन पड़ता है ! जो घुटनों के दर्द की समस्या के जोखिम को बढ़ाता है ! कुछ निम्नलिखित कारक जो घुटनों का दर्द के जोखिम को और बढ़ाते हैं !

  • अधिक उम्र
  • अधिक वजन
  • घुटनों की पुरानी चोट
  • अत्यधिक खेलकूद या शारीरिक व्यायाम
  • व्यवस्थित जीवन शैली

घुटनो के दर्द का परीक्षण

सामान्यतः घुटनों का दर्द knee pain देख कर ही आपके डॉक्टर निदान कर सकते हैं ! परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों में आपको टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है !

  • एक्स-रे X ray / डॉक्टर कुछ विशेष परिस्थितियों में सबसे पहले एक्सरे कराने का सुझाव दे सकते हैं ! जीने से हड्डियों में टूटन या जोड़ संबंधित समस्या का निदान करने में मदद मिलती है !
  • सी टी स्कैन CT scan / सीटी स्कैन भी हड्डी की जुड़ी समस्याओं का निदान करने और घुटनों के जोड़ों में खराबी का पता लगाने में मदद करता है !
  • एम आर आई MRI / एम आर आई का प्रयोग सेंसेटिव टिश्यूज की चोट का निदान करने के लिए किया जा सकता है ! इसमें लिगामेंट्स कार्टिलेज टेंडोंस नर्व और मांसपेशियों का परीक्षण किया जाता है !
  • लैब टेस्ट Lab Test / किसी परिस्थितियों में अगर संक्रमण गठिया जैसी बीमारियों की संभावना बनने पर डॉक्टर रक्त परीक्षण की सलाह दे सकते हैं ! इसके अलावा आर्थ्रोसैंटेसिस भी किया जाता है ! इस प्रकार की जांच करने के लिए घुटनों से सुई द्वारा कुछ मात्रा में द्रव निकाला जाता है ! और उस द्रव को संबंधित प्रयोगशाला में भेजा जाता है !

घुटनो के दर्द का इलाज treatment of knee pain

घुटनों में दर्द knee pain का उपचार करने के लिए दर्द के कारणों अनुसार उपचार निर्धारित किया जाता है !

  • इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेशन / एक विशेष बिजली से चलने वाली मशीन द्वारा घुटनों के आसपास की नर्व को स्टिमुलेट किया जाता है ! जो घुटनों के दर्द में आराम देती है !
  • दवाएं / घुटनों के दर्द अर्थराइटिस गाउट इत्यादि के लिए डॉक्टर दर्द निवारक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं ! जो त्वरित लाभ पहुंचा सकती है !
  • इंजेक्शंस / कभी-कभी घुटनों के जोड़ों में इंजेक्शन द्वारा कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा प्रविष्ट की जाती है ! इससे कुछ महीनों के लिए दर्द में आराम मिलता है परंतु यह सभी मामलों में अच्छी तरह काम नहीं करता है ! और इसमें संक्रमण की भी संभावना बनी रहती है !
  • इंजेक्टेबल लुब्रिकेशन / घुटनों में लुब्रिकेशन की कमी की वजह से होने वाले घुटनों के दर्द में यह प्रयोग में लाया जाता है ! यह जोड़ों के प्राकृतिक लुब्रिकेशन की तरह होता है जिसे इंजेक्शन द्वारा घुटनों में प्रविष्ट किया जाता है ! इस प्रक्रिया में 6 महीने से लेकर 1 साल तक घुटनों के दर्द से आराम मिलता है !

घुटनों के दर्द का घरेलू उपाय knee pain home remedy

1 – रोज के भोजन में दालचीनी सोंठ अदरक अजवाइन हल्दी का उपयोग अधिक से अधिक करें ! के सेवन से दर्द में राहत मिलेगी !

2 – अलसी के दानों को भूल कर अखरोट की गिरी मिलाकर सेवन करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है !

3 – अरंडी के तेल में बराबर मात्रा में नीम के बीज मिलाकर हल्का गर्म करें ! इसके बाद घुटनों की मालिश करें दर्द दूर हो जाएगा !

4 – सुबह के समय खाली पेट दही के साथ लहसुन की एक कली कहां है इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है !

5 – हल्दी गुड़ और मेथी दाना को पानी मिलाकर थोड़ा गर्म करें ! और इसे पट्टी की सहायता से घुटनों में बांध लीजिए ! घुटनों का दर्द knee pain जल्द ही ठीक हो जाएगा !

2 thoughts on “Knee pain घुटनों के दर्द का कारण और घरेलू उपाय”

  1. Dabords on pense immédiatement à des aptitudes impliquant notre intuition ou notre créativité. Pas de chance, l’IA prétend nous attaquer sur ces terrains-là également. Pour preuve, le fait que des œuvres créées par entretenir programmes se sont vendues fort cher, certaines atteignant presque le demi-million de dollars. Côté musique, chacun se fera bien sûr son opinion, mais on peut déjà reconnaître du bluegrass acceptable ou du quasi Rachmaninoff dans les imitations du programme MuseNet. Notre sélection vous permettra de distinguer les différences techniques entre tous ces services, de connaître les tarifs pratiqués et les formules disponibles mais également savoir enfin où est visible cette série dont tout le monde parle.
    Alors mais avec l’IA, on ne fabrique pas une créature. L’IA n’est pas autonome, elle n’est en fait qu’un automate. Dans un de ses livres, écrit avec Marcel Duchamp, l’écrivain Michel Carrouges parlait paatrniv des machines célibataires, qui évoluent seules, sans souci des hommes ni du bien commun. En santé, les machines ne doivent pas être célibataires, mais partenaires. Bien que l’approche de l’apprentissage profond soit innovante et qu’elle permette certaines avancées dans les années 90, elle n’attire pas, à l’époque, toute l’attention de la communauté scientifique. Beaucoup croient que les chercheurs qui s’y attardent font fausse route. Si on fournit à l’ordinateur une quantité massive de données (sons, images ou textes) et le résultat qu’on attend de lui, l’ordinateur ajuste graduellement ses paramètres internes. Avec Stranger Things, La Casa de Papel, House of Cards, Mindhunter, Orange is the New Black, Narcos, The Crown ou encore The Witcher, le service compte des centaines de séries dont certaines sont devenues des phénomènes de société.
    Monsieur Gottlob Frege perfectionna le système de Boole en formalisant le concept de prédicat, qui est une entité logique soit vraie, soit fausse (toute maison a un propriétaire), mais contenant des variables non logiques, n’ayant en soi aucun degré de vérité (maison, propriétaire). Cette formalisation eut une grande importance puisqu’elle permit de apostrophes démontrer des théorèmes généraux, simplement en appliquant des règles typographiques à des ensembles de symboles. La réflexion en langage courant ne portait plus que sur le choix des règles à appliquer. Par ailleurs, l’utilisateur joue un rôle important puisqu’il connaît le sens des symboles qu’il a inventés et ce sens n’est pas toujours formalisé, ce qui ramène au problème de la signification en intelligence artificielle, et de la subjectivité des utilisateurs. Il n’y a jamais eu autant de possibilités de regarder des séries et des films sur le web que depuis l’essor des plateformes de SVOD. Que vous cherchiez des séries adultes et ou des programmes pour toute la famille, il y en a pour tous les gouts et toutes les envies.
    Et parmi ces derniers, les noms marquants ne manquent pas. Qu’il peut ensuite exécuter la tâche apprise : traduire un document, établir des liens entre deux phénomènes ou décrire une image. La modélisation en sciences cognitives a révélé l’existence de plusieurs mécanismes, autres que l’association par continuité, qui sont autant de composantes de l’intelligence humaine. Parce que leur expertise est entièrement précalculée, ils ne peuvent pas raisonner dans le temps pour décider qu’un animal mort reste mort, ou pour comprendre le sens de la phrase il n’est toujours pas mort et la bizarrerie de cette autre phrase : « il n’est pas toujours mort ». La seule prédigestion de grandes quantités de données ne leur permet pas non plus de repérer les structures inédites si évidentes pour nous, comme les groupes de nombres identiques dans la suite. Leur stratégie du presque-par-cœur est aussi aveugle aux anomalies inédites.

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