आज हम लोग एक आसन के बारे में बात करेंगे जिसका नाम है ! Dhanurasana yoga in hindi ये स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत फायदेमंद हैं ! पुरुषों और महिलाओं में तो कब्ज की समस्या होती ही है ! और दूसरी महिलाओं से संबंधित जो प्रजनन अंगों की समस्या होती हैं उसमें यह बहुत लाभकारी है ! इसका अभ्यास करने से थायराइड की समस्या भी ठीक होती है ! शरीर में स्पूर्ति लाता है पाचन शक्ति बढ़ाता है ! और हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है !
फेफड़ों को ताकत देता है और रीड की हड्डी को मजबूत करता है ! यह बहुत सारी चीजें एक धनुरासन से हमें मिल सकता है ! आप अगर किसी योग की तलाश में है तो उसमें धनुरासन को जरूर चुनिए ! इसे रोजाना सुबह में सूर्योदय के समय करने का प्रयास करें ! इससे पूरा शरीर रोग मुक्त होता है !
जिनको कब्ज की शिकायत है उनके लिए मैं इसे स्ट्रांग्ली रिकमेंड करता हूं ! कि आप धनुरासन अवश्य करिए ! धनुरासन करने से वजन कम होता है जिनकी पेट की चर्बी अधिक होती है ! उसे कम करने में सहायता मिलती है खासकर पाचन तंत्र की समस्याओं में विशेष लाभ मिलता है !
पाचन तंत्र सही रहने से अनेकों प्रकार की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है ! जिनको एसिडिटी या गैस्ट्राइटिस की समस्या होती है उन्हें भी धनुरासन करने से विशेष लाभ मिलता है ! आजकल की व्यस्त और आरामदायक जीवन शैली में धनुरासन का एक विशेष महत्व है ! रासायनिक खाद्य पदार्थों के सेवन उपरांत धनुरासन अवश्य करना चाहिए !
इस क्रिया से शरीर में जमा विषैले तत्व आंतों के सक्रिय होने से बाहर निकलते हैं ! धनुरासन से शरीर की शुद्धता में वृद्धि होती है ! साथ ही मस्तिष्क में प्रसन्नता का प्रादुर्भाव होता है ! जिससे पूरे शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है !
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धनुरासन क्या है : What is dhanurasana yoga in hindi
धनुरासन dhanurasan योग आसनों का एक प्रकार है धनुरासन करते समय शरीर एक खींची हुई धनुष के समान हो जाता है ! इसलिए इसे धनुरासन dhanurasana yoga in hindi के नाम से जाना जाता है ! अंग्रेजी में इसे BOW POSE के नाम से जाना जाता है ! हठयोग के 12 आसनों में धनुरासन एक प्रमुख आसन है ! तथा यह आसन योग विज्ञान में पीठ की स्ट्रैचिंग करने के लिए बताए गए 3 आसनों में से एक है !
इस आसन को करने से बच्चों की जो हाइट है ! वह काफी इनक्रीज होती है ! स्पाइन में अगर दर्द है बैक पेन है तो वह भी ठीक होता है ! अगर दर्द बहुत ज्यादा है तब आपको इसे अवॉइड करना है लेकिन यह साइटिका और बैक पेन के लिए भी अच्छा है ! ऐसा माना जाता है कि किसी भी बीमारी से बचने के लिए ! योगासन dhanurasana एक बेहतर विकल्प है !
धनुरासन करने की विधि How to do dhanurasana yoga in Hindi
पहले दिन आपको ज्यादा नहीं करना 15-15 सेकंड के तीन बार dhanurasana धनुरासन करना है ! सबसे पहले साफ और स्वच्छ जगह को चुने और वहां एक चटाई बिछाए ! फिर पेट के बल जमीन पर लेट जाएं हथेली को कमर के बराबर रखें एवं माथे को जमीन से टिकाते हुए दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं फिर अपने दोनों हाथों से एंकल को पकड़कर कंधों की तरफ खींचें ! अपनी क्षमता अनुसार जांघो को ऊपर उठाएं इसके बाद अपने सिर और छाती को पैरों के साथ-साथ ऊपर उठाएं ऐसा आपको सांस लेते हुए और सांस छोड़ते हुए करना है ! इसे सुबह खाली पेट करना चाहिए शुरू में इसे आपको एक से तीन बार तक करना है ! शरीर में सामर्थ्य अनुसार ही करें बाद में इसकी संख्या को बढ़ा भी सकते हैं !
धनुरासन किसे नहीं करना चाहिए Who avoid dhanurasana yoga in Hindi
अगर हृदय से संबंधित कोई समस्या है तो धनुरासन dhanurasan yoga in hindi नहीं करना चाहिए ! ज्वर में धनुरासन नहीं करना चाहिए ! जिन्हें स्पाइनल कॉर्ड और आंतों की समस्या पहले से हो उन्हें भी धनुरासन नहीं करना चाहिए ! पेट से संबंधित अल्सर हर्निया की समस्या है तो भी धनुरासन dhanurasana नहीं करना है ! इसके अलावा साइटिका सर्जरी वाले व्यक्तियों को भी धनुरासन नहीं करना चाहिए ! साथ ही गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए ! एवं पीरियड के समय भी धनुरासन नहीं करना चाहिए ! जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर की समस्या है ! वह धनुरासन ना करें और जिन्हें माइग्रेन की समस्या है उन्हें भी धनुरासन dhanurasana नहीं करना चाहिए ! साथ ही जिन्हें अत्यधिक कमर दर्द है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए !
धनुरासन किसे करना चाहिए Who must to do dhanurasana yoga in Hindi
धनुरासन dhanurasana करने के बहुत फायदे हैं इसे पूर्ण स्वास्थ्य व्यक्ति ही करें ! अगर नियमित रूप से धनुरासन का अभ्यास किया जाए ! तो बहुत सी बीमारियों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है ! और बीमारियों से बचा जा भी सकता है ! जिन्हें कब्ज की समस्या है उन्हें तो अनिवार्य रूप से धनुरासन करना चाहिए ! दमा से पीड़ित व्यक्ति को भी इसे विशेष रूप से करना चाहिए ! इसे करने से फेफड़ों के फैलने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है ! और दमा के रोग में लाभ मिलता है ! जिन्हें किडनी की समस्या है उन्हें भी धनुरासन dhanurasana करना चाहिए ! इसे करने से किडनी की कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है ! साथ ही जिन्हें लीवर की समस्या है !
उन्हें धनुरासन करना चाहिए धनुरासन करने से लीवर मजबूत बनता है ! साथ ही जिन्हें सर्वाइकल और स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या है उन्हें भी धनुरासन dhanurasana करना चाहिए ! इसे करने से बैकबोन मजबूत होती है और रीड की हड्डी में लचीलापन आता है ! जिन्हें गैस एसिडिटी की समस्या है उन्हें तो अनिवार्य रूप से इसे करना चाहिए ! जिन्हें मोटापा और पेट निकलने की समस्या है उन्हें धनुरासन dhanurasana अवश्य करना चाहिए ! इससे पेट की चर्बी कम होकर शरीर सुडौल बनता है ! जिन्हें डायबिटीज की समस्या है वह भी धनुरासन dhanurasana अवश्य रूप से करें !
धनुरासन करने से पैंक्रियाज उत्तेजित होकर इंसुलिन का स्राव नॉर्मल रूप से करने लगता है ! जिन्हें कमर दर्द और पेट दर्द की समस्या है वह भी धनुरासन dhanurasana yoga in hindi का नियमित रूप से अभ्यास कर सकते हैं ! इसे कमर दर्द और पेट दर्द दोनों में लाभ मिलता है ! थायराइड के रोगियों को भी इस अभ्यास को नियमित करना चाहिए ! इससे थायरोक्सिन हार्मोन का स्तर नॉर्मल होता है ! जिन्हें हाथ पैरों में कंपन की समस्या होती है उन्हें भी धनुरासन dhanurasana अवश्य रुप से करना चाहिए !
धनुरासन महिलाओं को अवश्य करना चाहिए Dhanurasana yoga important for females in Hindi
ऐसी महिलाएं जिन्हें मासिक धर्म की गड़बड़ी होती है और मासिक धर्म समय पर नहीं आता है ! उन्हें धनुरासन dhanurasana आवश्यक रूप से करना चाहिए ! इसके अलावा जिन्हें डिंब ग्रंथि या गर्भाशय का कोई भी रोग हो उन्हें धनुरासन अवश्य करना चाहिए ! जिन्हें प्रसव के बाद पेट पर झुर्रियों की शिकायत होती है उन्हें भी धनुरासन अवश्य रुप से करना चाहिए ! पर वह सभी महिलाएं इस आसन को ना करें जो गर्भवती हैं ! साथ ही जिस महिला को मासिक धर्म आ रहा हो वे मासिक धर्म के समय धनुरासन नहीं करें ! मासिक चक्र के बाद वह धनुरासन dhanurasana कर सकती हैं ! साथ ही धनुरासन करने से रजोनिवृत्ति विकार में भी लाभ प्राप्त होता है!
धनुरासन का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए धनुरासन करने से पहले भुजंगासन और सलभासन करना चाहिए ! वैसे तो सिर्फ धनुरासन dhanurasana करके ही अच्छे खासे लाभ प्राप्त किया जा सकता है ! परंतु भुजंगासन और शलभासन के साथ धनुरासन करने से से मिलने वाले लाभ में वृद्धि होती है ! आइए अब जानते हैं की भुजंगासन और सलभासन कैसे करना है !
1- भुजंगासन करने की विधि ! dhanurasana yoga in hindi
भुजंगासन करने का सही समय सुबह होता है और इसे खाली पेट ही करें सर्वप्रथम इस आसन में पेट के बल लेट जाना है ! और हथेलियों को कमर के बराबर में रखें इसके बाद अपने हाथों को एल्बो से मोड़ते हुए हथेलियों को सीने के पास जमीन पर टिकाएं ! इस समय तक अपने सीने और माथा नाक दाढ़ी को जमीन से लगाकर रखें ! एड़ी पंजे आपस में मिले हुए रहने चाहिए इसके बाद अपने हाथों से बल लगाते हुए माथा नाक दाढ़ी वाला भाग अर्थात सिर को सामर्थ्य अनुसार ऊपर उठाएं ! इस दौरान गहरी सांस लेते हुए 10 सेकंड तक रुके ! फिर धीरे-धीरे नीचे वापिस यथास्थिति में आ जाएं ! ऐसा 3 से 5 बार तक ही करें इसके बाद दोनों हाथों को कमर के बाजू में जमा कर रखते हुए 10 से 15 सेकंड यथा स्थिति में ही रुके रहें !
इस आसन को पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति ही करें ! जिन्हें पेट में घाव हो अल्सर हो वह इस आसन को ना करें ! तथा जिन्हें ज्वर की शिकायत हो वह भी इसे ना करें ! साइठिका हृदय रोग में भी इसे नहीं करना चाहिए जोड़ों में दर्द की समस्या हो वह भी इस आसन को ना करें ! इसके अलावा जिनकी सर्जरी हुई हो वह भी इस आसन को नहीं करें ! साथ ही गर्भवती महिलाएं इस आसन को नहीं करें !
2- शलभासन करने की विधि !
सर्वप्रथम पेट केवल आराम से लेटते हुए हथेलियों को कमर के बराबर जमीन पर रखते हैं ! इसके पश्चात दोनों पैरों को ऊपर की ओर सामर्थ्य अनुसार उठाते हैं ! ध्यान रखें पैर ऊपर उठाते समय छाती और सिर ( नाक दाढ़ी ) जमीन से टिका कर रखें ! 5 से 10 सेकंड तक अपने पैरों को ऊपर ही रोक कर रखें फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को जमीन पर रख दें ! ऐसा 3 बार करें तथा आसन अपनी शरीर के सामर्थ्य अनुसार ही करें ! बीच में कुछ देर विश्राम भी कर सकते हैं !
इस आसन को भी पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति ही करें ! जिन्हें अल्सर हर्निया की शिकायत हो वह व्यक्ति से ना करें ! आंतों के कष्ट होने पर भी इस आसन को नहीं करें ! साथ ही जिन्हें जोड़ों में दर्द है साइटिका है वह व्यक्ति भी इसे ना करें ! सर्जरी वाले व्यक्ति को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए ! और गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए !
धनुरासन के फायदे : benefits of dhanurasana yoga in Hindi
आइए अब जानते हैं उन प्रमुख बीमारियों के बारे में विस्तार से जिनमें धनुरासन करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है ! वैसे तो धनुरासन करने से लगभग ज्यादातर बीमारियों में लाभ प्राप्त होता है ! परंतु कुछ निम्नलिखित बीमारियां हैं जिनमें धनुरासन करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है ! नीचे लिखित सभी बीमारियों में से कोई एक बीमारी में भी धनुरासन करने पर इन सभी बीमारियों में बहुत फायदे होते है !
dhanurasan से दूर होती है कब्ज !
धनुरासन dhanurasana करने से आंतो से लेकर पेट तक एक खिंचाव बनता है और आतों की सक्रियता बढ़ती है ! आंतो के सक्रिय हो जाने से आंतों में जमा वेस्टेज आसानी से पूरी तरह साफ हो जाता है ! कब्ज की समस्या होने पर dhanurasana yoga in hindi धनुरासन अवश्य करना चाहिए इसे करने से कब्ज में दीर्घकालिक लाभ मिलता है ! पेट साफ हो जाने की वजह से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है !
dhanurasana से ठीक होता है मधुमेह !
धनुरासन dhanurasana करने से पेट की अच्छी तरह एक्सरसाइज होती है साथ ही पैंक्रियाज की एक्सरसाइज भी हो जाती है ! इस प्रकार पैंक्रियाज से इंसुलिन का निष्कासन सुचारू रूप से होता रहता है ! जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा सामान्य बनी रहती है ! धनुरासन करने से डायबिटीज टाइप वन और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में लाभ प्राप्त होता है ! यदि कोई व्यक्ति धनुरासन सामान्य रूप से हमेशा करता आ रहा है ! तो उसे डायबिटीज होने का खतरा काफी कम हो जाता है ! यदि कोई डायबिटीज का मरीज धनुरासन करता है तो उसके शरीर में पैंक्रियाज द्वारा इंसुलिन के निष्कासन में मदद मिल सकती है ! और उसके ब्लड में शुगर की मात्रा कम हो सकती है ! इसलिए मधुमेह के मरीज को धनुरासन dhanurasana जरूर करना चाहिए !
dhanurasana yoga in hindi से ठीक होती है स्पोंडिलाइटिस !
ऐसे लोग जो आप इसके कार्य हेतु हमेशा कुर्सियों पर बैठ कर कार्य करते हैं ! या किसी अन्य कारण से अगर जिन्हें स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत है ! तो उन्हें धनुरासन का अभ्यास नियमित करना चाहिए ! धनुरासन dhanurasana करने से कंधे रीढ़ और गर्दन की हड्डियों का भरपूर एक्सरसाइज होता है ! गर्दन की हड्डियों में लचीलापन आता है और स्पॉन्डिलाइटिस मे आराम मिलता है ! स्पोंडिलाइटिस की शिकायत हमेशा गलत पोस्चर मैं बैठने की वजह से होती है ! धनुरासन dhanurasana का पोस्चर ठीक इसके विपरीत होता है इसलिए यह स्पोंडिलाइटिस में विशेष लाभप्रद है !
dhanurasan से ठीक होता है दमा !
धनुरासन dhanurasana का अभ्यास करने से सीने में खिंचाव पड़ता है और फेफड़ों में फैलाव होता है ! फैलाव अधिक होने से फेफड़ों में हवा अधिक मात्रा में भरती है ! जिस से फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है ! इसके अभ्यास से फेंफड़ो के फूलने और पिचकने की दर भी सामान्य होती है ! अर्थात dhanurasana धनुरासन के अभ्यास से फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा मैं बढ़ोतरी होकर दमा रोग में लाभ मिलता है ! अतः धनुरासन dhanurasana दमा की समस्या होने पर अवश्य करना चाहिए !
dhanurasana से दूर होती है गुर्दे की समस्या !
धनुरासन dhanurasana करने से गुर्दों की भी एक्सरसाइज हो जाती है ! जिससे गुर्दे की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होती है और गुर्दे आसानी से ब्लड को साफ करते हैं ! धनुरासन dhanurasana गुर्दे की सभी बीमारियों के लिए बहुत लाभकारी होता है ! इसे गुर्दे के मरीज को अवश्य करना चाहिए!
dhanurasana से दूर होती है लीवर की समस्या !
धनुरासन dhanurasan करने से पूरे पेट की एक्सरसाइज भली-भांति हो जाती है ! लीवर में जमा अपशिष्ट भी बाहर निकलने लगते हैं ! और लीवर की कार्य क्षमता बढ़ने लगती है धनुरासन करने से लीवर से संबंधित नाभि खिसकने की समस्या भी दूर होती है ! लीवर मजबूत होने से कई बीमारियों से बचाव होता है ! फैटी लीवर की समस्या भी दूर होती है इसलिए लगभग सभी को धनुरासन dhanurasana अवश्य करना चाहिए !
dhanurasana से ठीक होता है मोटापा की समस्या !
धनुरासन dhanurasana करने से मोटापा की समस्या भी दूर होती है खासकर पेट की चर्बी को कम करने के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है ! इसे करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और मोटापा में वजन कम करने में सहायता मिलती है ! धनुरासन करते समय पेट पर खिंचाव पड़ता है जिससे पेट की चर्बी में कमी आती है ! वजन भी कम होता है और शरीर सुडौल बनता है ! धनुरासन dhanurasana करने से गैस्ट्राइटिस की समस्या भी दूर होती है जो वजन बढ़ने का प्रमुख कारण होता है ! इसलिए गैस्ट्राइटिस की समस्या दूर होने से होता है !
dhanurasana yoga in hindi से दूर होता है कमर दर्द !
जिन्हें कमर दर्द की समस्या है उनको धनुरासन dhanurasana अवश्य करना चाहिए ! धनुरासन करने से कमर दर्द में आराम मिलता है ! धनुरासन करते समय कमर और पीठ के साथ पैरों में लचीलापन आता है और कमर के आसपास हल्का पन महसूस हो कर कमर दर्द दूर होता है ! साथ ही धनुरासन dhanurasana करने से कब्ज की समस्या दूर होकर कमर दर्द में दुगना लाभ मिलता है ! कमर दर्द के लिए धनुरासन रामबाण उपाय है धनुरासन को कमर दर्द की समस्या होने पर आवश्यक रूप से करना चाहिए ! क्योंकि अधिकांश कमर दर्द कब्ज की शिकायत होने पर होती है !
dhanurasana yoga in hindi से दूर होती है थायराइड की समस्या !
धनुरासन dhanurasana करने से गले के आसपास खिंचाव होता है जिसकी वजह से थायराइड ग्रंथि सक्रिय हो जाती है ! और थायरोक्सिन हार्मोन का स्तर सामान्य होता है ! यह हाइपोथाइरॉएडिज्म और हायपरथायराइडिज्म दोनों तरह की समस्याओं में विशेष लाभप्रद है ! इसलिए थायराइड की समस्या होने पर धनुरासन dhanurasana अवश्य करना चाहिए !
dhanurasana yoga in hindi से ठीक होती है गैस्ट्राइटिस !
धनुरासन dhanurasana करने से आंतों और पेट की संपूर्ण एक्सरसाइज हो जाती है ! आंतो पर खींचाव होने की वजह से आते सक्रिय हो जाती हैं ! और आतों की संपूर्ण सफाई होने लगती है ! साथ ही धनुरासन करने से पेट की पाचन क्रिया में वृद्धि होती है ! पेट की पाचन क्रिया मजबूत होने और आंतों के सक्रिय हो जाने से गैस्ट्राइटिस की समस्या दूर होती है ! इसलिए गैस्ट्राइटिस की समस्या होने पर धनुरासन dhanurasana जरूर करें !
dhanurasana yoga in hindi से दूर होती है आंखों की समस्या !
धनुरासन dhanurasana करने से आंखों से संबंधित किसी भी समस्या में लाभ मिलता है आंखों की रोशनी तेज होती है और मोतियाबिंद में भी आराम मिलता है ! धनुरासन करने से सभी तंत्रिकाओं और स्नायुयों की एक्सरसाइज हो जाने से आंखों की भी एक्सरसाइज हो जाती है ! इसलिए आंखों से संबंधित किसी भी समस्या में धनुरासन dhanurasana अवश्य करना चाहिए !
dhanurasana yoga in hindi से ठीक होती है हाथ पैरों में कंपन !
धनुरासन dhanurasana करने से हाथ और पैरों की मांस पेशियों का अच्छी तरह से एक्सरसाइज हो जाता है ! साथ ही मस्तिष्क से जुड़ी तंत्रिकाऐ भी लचीली हो जाती हैं धनुरासन करने से स्नायु तंत्र भी गतिशील हो जाता है ! जिसके कारण हाथ पैरों में कंपन की समस्या दूर होती है ! इसलिए ऐसे व्यक्ति को जिनके हाथ पैरों में कंपन होता है उन्हें धनुरासन करने से हाथ पैरों में कंपन की समस्या दूर हो जाती है
धनुरासन से ठीक होता है जोड़ों का दर्द !
धनुरासन dhanurasana करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है जो जोड़ों के दर्द का एक विशेष कारण है ! इसलिए धनुरासन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है ! साथ ही धनुरासन करने से हाथों और पैरों के साथ पूरे शरीर की एक्सरसाइज भरपूर हो जाती है ! जिससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है इसलिए जोड़ों के दर्द की समस्या होने पर धनुरासन dhanurasana जरूर करना चाहिए ! इस प्रकार हम देख सकते हैं कि एक धनुरासन करने के बहुत सारे फायदे हैं ! धनुरासन का नियमित रूप से अभ्यास करके हम अपने आप से उपर्युक्त समस्याओं को दूर रख सकते हैं ! इसलिए धनुरासन को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए ! इसे सुबह के समय खाली पेट ही करें!
धनुरासन से ठीक होती है अनियमित माहवारी !
धनुरासन dhanurasana yoga in hindi योग करने से महिलाओं में होने वाली अनियमित माहवारी की समस्या दूर होती है ! आमतौर पर यह हार्मोन असंतुलन के कारण होती है इसके अलावा थायराइड और तनाव की वजह से भी अनियमित मासिक धर्म की समस्या उत्पन्न होती है ! धनुरासन करने से गर्भाशय सहित जननांगों की एक्सरसाइज भरपूर हो जाती है ! जिसके कारण महिलाओं का हार्मोनल एस्ट्रोजन स्तर सामान्य होता है ! और अनियमित मासिक धर्म की समस्या दूर होती है इसलिए ऐसी महिलाओं जिन्हें मासिक धर्म की अनियमितता की शिकायत होती है ! अगर वह इस आसन का नियमित अभ्यास करती हैं तो अनियमित माहवारी की समस्या से निजात मिलती है ! इसलिए महिलाओं को धनुरासन dhanurasana अवश्य रुप से करना चाहिए !
धनुरासन से दूर होती है डिंब ग्रंथि की समस्या ! dhanurasana yoga in hindi
धनुरासन dhanurasana का प्रयोग करने से महिलाओं की डिंब ग्रंथि की समस्या दूर होती है डिंब ग्रंथि स्त्री जननांग का एक प्रमुख हिस्सा होता है ! गर्भाशय के दोनों छोर पर डिंब ग्रंथि होती हैं ! इसका कार्य अंडे बनाना और उत्तेजित द्रव और हारमोंस को बनाना होता है ! उम्र बढ़ने के साथ डिंब ग्रंथि में सिकुड़न होती है जिसकी वजह से इसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है ! धनुरासन dhanurasana करने से डिंब ग्रंथियां लचीली बनती हैं और इनमें सिकुड़न होने की समस्या कम हो जाती है ! और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर सामान्य हो जाता है इसलिए महिलाओं को धनुरासन अवश्य करना चाहिए ! डिंब ग्रंथि की समस्या में हेमपुष्पा सीरप के सेवन के साथ धनुरासन योगा करने से दुगना लाभ मिलता है
सावधानियां Precautions in dhanurasana yoga in hindi
कुछ योगा पोज़ में अपनी सांस को खींचना योग का हिस्सा होता है ! लेकिन बो पोज़ (Dhanurasana yoga in hindi) में आपको अपनी सांस रोककर रखने की आवश्यकता नहीं होती है ! इस मुद्रा से लाभ उठाने के लिए सही श्वास पैटर्न का पालन करें ! जब आप पैरों को ऊपर उठाते हैं तब श्वास- प्रश्वास लेते रहें ! अपनी सांस रोककर सीने को फुलाने से बचें !
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At present, It is best for our healthy life.
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