बैक्टीरिया की वजह से अनेकों बीमारियां हो सकती हैं उन्हीं में से एक बिमारी है जिसका नाम पीलिया है ! पीलिया jaundice होने की वजह से आंख नाखून त्वचा और पेशाब का रंग पीला हो जाता है ! शरीर में खून की कमी हो जाती है और लीवर अच्छी तरह से कार्य करना बंद कर देता है !
साथ ही पीड़ित व्यक्ति को भूख कम लगती है ! मल का कलर काला भूरा और कब्ज होने की शिकायत होती है ! और पीलिया से पीड़ित व्यक्ति की भूख खत्म हो जाती है !
दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन और दूषित पानी का सेवन इसका मुख्य कारण बनता है ! साथ ही लीवर के कार्य करने की अक्षमता भी इसका मुख्य कारण है ! लीवर की कोशिकाओं का बीमार होना भी इसका एक कारण हो सकता है !
पाचन संबंधी गड़बड़ी एवं रक्तस्राव संबंधित विकार इत्यादि के कारण भी पिलिया हो सकता है ! ऐसी स्थिति में लीवर की क्रियाशीलता में कमी आती है ! साथ ही लीवर के पत्थरा जाने (Liver cirrhosis) की वजह से भी पीलिया हो सकता है !
पित्त निष्कासन नली में पथरी का बन जाना जिसके कारण पित आंत मे ना जाकर लीवर में जमा होने लगता है और पीलिया होने लगती है ! ऐसी स्थिति में एक अलग प्रकार का यकृत विकार होता है ! जिसमें पाचन क्रिया खत्म हो जाती है ! आंखें और शरीर पीली होने लगती हैं !
जन्मजात पैत्तिक संकोच और पित्तमार्ग के विकृत संकोच इत्यादि की वजह से भी कामला हो सकता है ! ऐसी स्थिति में आजीवन रक्ताल्पता कुपोषण इत्यादि लक्षण जीवन भर चलते रहते हैं !
प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष बिलीरुबिन के अतिरिक्त रक्त में प्रत्यक्ष बिलीरुबिन का आधिक्य हो जाना ! पीलिया रोग का निदान या इलाज करने के लिए बिलीरुबिन के उपापचय (Metabolism) को समझना आवश्यक है !
ऐसी परिस्थितियों में रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं ! मुक्त हुआ हिमोग्लोबिन रिटीकुलोएंडोथिलियल प्रणाली में अनेक प्रक्रियाओं के उपरांत बिलीरुबिन /hyperbilirubinemia के रूप में इकट्ठा हो जाता है !
पीलिया के कारण causes of Jaundice
- रक्त से जुड़ा रोग
- आनुवंशिक विकार
- लीवर से जुड़े रोग
- लीवर सिरोसिस
- हेपेटाइटिस
- पित्त नलिका में रुकावट
- दवा के दुष्प्रभाव
- संक्रमण
- लीवर कैंसर
- अत्यधिक शराब का सेवन
जब रेड ब्लड कार्पसिल्स कम समय में टूटने लगती हैं तब ब्लड में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है ! फिर यह शरीर के अन्य अंगों में पहुंचती है जिसके कारण ही स्किन त्वचा आंखें पीले कलर के रूप में प्रदर्शित होती हैं !
कुछ रोग जैसे फैटी लीवर एल्कोहलिक लिवर ग्रंथियों का बुखार लीवर कैंसर और अत्यधिक शराब के सेवन से बिलीरुबिन को प्रोसेस करने की लीवर की क्षमता कम हो जाती है ! और jaundic को जन्म देती है !
इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं जैसे पित्त की पथरी और पैनक्रियाटिटिस शरीर से बिलीरुबीन को बाहर निकलने की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करती हैं ! बिलीरुबिन में बिली नामक तत्व होता है यह लीवर में बनने वाला पाचक पदार्थ है ! यह भोजन को अवशोषित करता है और मल को उत्सर्जित करने में मदद करता है !
पीलिया के लक्षण symptoms of Jaundice
- शरीर की त्वचा और आंखें पीली होना
- मल का कलर काला भूरा होना
- शरीर में खुजली होना
- अपच
- भूख में कमी
- पेशाब पीली होना
- उल्टी होना
- बुखार
- पेट में दर्द
- वजन कम होना
- थकावट
नवजात शिशु में पीलिया के शुरुआती लक्षण माथे पर दिखाई देते हैं ! बाद में यह लक्षण पेट और सीने पर भी दिखाई देते हैं ! युवावस्था में यह आंखों का पीलापन शरीर की त्वचा का पीला होना और नाखून मैं सफेदी आना इसके लक्षण होते हैं !
पीलिया के अन्य लक्षणों में गहरे पीले रंग का मूत्र और शरीर में खुजली काला मल थकान और पेट दर्द हो सकता है ! वजन का तेजी से घटना उल्टी बुखार इत्यादि भी हो सकते हैं !
पीलिया के लिए लाभदायक खाद्य पदार्थ
पीलिया (jaundice) होने पर निम्नलिखित चीजों का सेवन करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है ! जैसे कच्चे गुल्लर की सब्जी, बिना मलाई का गर्म दूध, साबूदाना, आरारोट, अनार ! मुसम्मी, मुसम्मी का रस, संतरा, संतरे का जूस, छेंने का पानी, नारियल पानी, छाछ, मट्ठा, नींबू, आंवला, लौकी की सब्जी, पुराने चावल, पपीता, मूली, गन्ने का रस ! इत्यादि का सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है !
साथ ही खाने में मीट, मछली, अंडे, घी, अनुपयोगी तेल, अनुपयोगी मिठाई ! गुङ, सेम, उड़द की दाल, बेसन की चीजें, मैदा की बनी विरेचन वस्तुएं नहीं खानी चाहिए !
पीलिया का घरेलू उपचार jaundice home remedy
पीलिया (jaundice) के लिए कुछ घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं ! जो पीलिया में रामबाण इलाज का काम करते हैं !
केला
केले के छिलके में चावल के दाने बराबर गिला चुना डालकर रात भर के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दीजिये और अगली सुबह उस पुरे केले का सेवन करने से पीलिया जल्द ही दूर हो जाती हैं !
सूरज की रोशनी
बच्चो को सुबह की धूप में 1-2 घंटे तक बाहर धूप के सामने लिटाएं एवंम ध्यान रखें की उसके शरीर पर केवल डायपर ही हो ! और इसके अलावा सूरज की सीधी रौशनी शरीर पड़े ! पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए यह एक प्राकृतिक उपचार है ! सूरज की किरणों से बिलीरुबिन का स्तर कम होने लगता है !
गन्ने का रस
गन्ने का रस पीलिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है गन्ने का जूस सुबह शाम पिए ! इसे पीने से बिलीरुबिन की मात्रा घटने लगती है और पीलिया ठीक होने लगता है !
आंकड़े की जड़
आंक यानि आकड़े के पौधे की जड़ तरीबन तीन चार ग्राम की मात्रा में ले और इसे पीसकर इसमें थोड़ी सी शहद मिलाकर लीजिये ! इसे खाने से Jundice का जड़ से इलाज हो जाएगा यह सबसे आसान तरीका है !
आंवला
पाखर, आंवला, हल्दी, सोंठ, लोह भस्म और कालीमिर्च इनको आवश्यकतानुसार समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लीजिए ! इसे दिन में दो से तीन बार 2 ग्राम की मात्रा का सेवन करें ! इसके सेवन से कैसा भी पीलिया हो 1 सप्ताह में ठीक हो जाता है !
हल्दी
आप एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिलाकर हल्का गर्म करके रोजाना दिन में तीन बार पि सकते हैं इससे शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थ कम होने लगेंगे ! इससे शरीर के पूरे खून की सफाई अपनी तरह हो जाती है ! इससे शरीर से बिलीरुबिन को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है !
बादाम
पांच से दस बादाम लें, तीन इलाइची लें और तीन (Dates) यानी खजूर लें ! इन सभी को रात भर के लिए एक बर्तन में भिगोकर रख दें ! सुबह इन सबको पीसकर इसमें सहद मिलाकर इसका सेवन सुबह शाम करें ! इससे पीलिया (jaundice) जल्द ही ठीक हो जाता है !