लकवा होने पर शरीर के एक तरफ का हाथ एक तरफ का पैर क्रिया हीन हो जाते हैं ! इसी प्रकार एक तरफ की आधी जीभ या एक तरफ का चेहरा रोग ग्रस्त हो जाता हैं ! यह एक ऐसी दीर्घकालिक बीमारी है जो जीवन पर्यंत चलती रहती है ! इसका सही समय पर उपचार कुछ अच्छे परिणाम दे सकते हैं ! जिस में शामिल है लकवा paralysis होने के 1 घंटे के अंदर पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध होना !
ऐसी स्थिति में 80 से 90 परसेंट तक लाभ प्राप्त किया जा सकता है ! यह रक्त संचार की अनियमितता, हृदय की पंपिंग क्षमता में खराबी, हाई ब्लड प्रेशर कोलेस्ट्रॉल, ब्रेन ट्यूमर, रीढ़ की हड्डी में चोट, सिर में चोट, स्ट्रोक और अत्यधिक तेल मसाले युक्त खाद्य पदार्थ से होता है !
लकवा होने की स्थिति में शरीर के कोई अंग कार्य करना बंद कर सकते हैं ! यह लकवा के मुख्य कारणों पर निर्भर करता है ! कि किस अंग में लकवा का प्रभाव हुआ है ! अगर यह बीमारी पुरानी हो जाती है तो इसके इलाज में ना के बराबर फायदा मिलता है !
परंतु कुछ आधुनिक मशीनें उपचारों को आसान बनाती हैं ! जैसे न्यूरो प्रोस्थेसिस उपकरण यह विद्युत तरंगों द्वारा मांसपेशियों को उत्तेजित करता है ! अस्सी से नब्बे परसेंट लोगों में मस्तिष्क की नसों का फटना या रक्त का थक्का बनने के कारण !
लकवा जैसी बीमारी होती है ! ऐसा होने पर मस्तिष्क में प्रभावित जगह में रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है ! और उस प्रभावित मस्तिष्क क्षेत्र से संबंधित अंग में लकवा हो जाता है ! आयुर्वेद के अनुसार इसे बात नाड़ी रोग की श्रेणी में रखा गया है !
हालांकि लकवा होने के 3-4 दिन बाद मरीज में सुधार आना शुरू हो जाता है !
नोट – लकवा में लाभ प्राप्त करने के लिए 1 घंटे के अंदर चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध होना आवश्यक है !
लकवा के कारण causes of paralysis
कम उम्र में अधिक भोग विलास, नशीले पदार्थों का सेवन आदि से स्नायु तंत्र धीरे-धीरे शिथिल होता जाता है ! जब आयु बढ़ती जाती है तब इस रोग के उन्होंने की संभावना भी बढ़ती जाती है ! यह सिर्फ सुस्त जीवन के कारण ही नहीं बल्कि इसके विरोधाभास में अत्याधिक भागदौड़ क्षमता से ज्यादा मेहनत या एक्सरसाइज इत्यादि कारणों से भी लकवा paralysis सकता है ! इसी प्रकार रीढ़ की हड्डी में कोई चोट या छती के कारण आऐ हुए परिवर्तन इस रोग के कारण बन सकते हैं !
वास्तव में मस्तिष्क की पतली नसों में किसी प्रकार की बाधा के कारण उसके जिस हिस्से को ब्लड नहीं मिल पाता है ! मस्तिष्क का वह हिस्सा कार्य हीन हो जाता है ! यह तो हम सभी को पता हैं कि हमारे मस्तिष्क की अलग-अलग इंद्रियां हमारे शरीर के हर अंग को कार्य करने के लिए संदेश पहुंचाती हैं ! मस्तिष्क से संदेश मिलते ही हमारे अंग गतिशील हो जाते हैं ! अब इसके कुछ मुख्य कारणों को लिस्ट के अनुसार समझते हैं !
- मस्तिष्क की नसों में रक्तस्राव की स्थिति/ brain hemorrhage
- हाई ब्लड प्रेशर/ high blood pressure
- हृदय के वाल्व में खराबी / valves-anatomy-and-function
- पेरीफेरल न्यूरोपैथी/ periferal neuropathy
- सेरेब्रल पाल्सी (जन्मजात लकवा)/ cerebral palsy
- ब्रेन ट्यूमर/ brain tumor
- सिर में आघात/ head injury
- रीढ़ की हड्डी में कोई छती/ spinal cord injury
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस/ multiple sclerosis
- पार्किंसन डिजीज/ Parkinson disease
- गिलेन बैरे सिंड्रोम इत्यादि/ guillain barre syndrome
लकवा के लक्षण symptoms of paralysis
लकवा paralysis का लक्षण भी इस बात पर निर्भर रहता हैं कि मस्तिष्क के कौन से हिस्से में डिफेक्ट हुआ है ! क्योंकि मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्से शरीर की विभिन्न कार्य विधि आधारित अंग को संचालित करते हैं ! जैसे अचानक याददाश्त कमजोर होना, बोलने में कठिनाई आना, हाथ या पैर में कमजोरी, आंखों से धुंधला दिखना, अनकॉन्शसनेस, चेहरा टेड़ा होना इत्यादि ! आईए अब इसके मुख्य लक्षणों को लिस्ट के अनुसार समझते हैं !
- सुन्नपन महसूस होना/ clumsiness
- सिर में तेज दर्द/ headach
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना/ breathlessness
- मुंह से लार निकलना/ increase saliva
- धुंधला दिखाई देना/ Blurred vision
- सोचने समझने की शक्ति छिंड़ होना/ thoughtless
- मूड अचानक चेंज होना/ mood swing
- मुद्रासय और आंतों पर नियंत्रण खोना
- सुनने की क्षमता में कमी/ hearless
- जी मिचलाना या उल्टी होना इत्यादि/ vomiting
लकवा को कैसे पहचाने
अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि किसी को लकवा paralysis आया है तो उसे इस प्रकार पहचान सकते हैं ! कि क्या व्यक्ति ठीक तरह से हंस और बोल सकता है ! क्या उसका एक तरफ का चेहरा या आंख तेढ़ी हो गई है इसके साथ ही क्या मरीज अपने दोनों हाथों को ऊपर हवा में उठा सकता है ! अथवा मरीज द्वारा बोले गए शब्द स्पष्ट रूप से समझ आ रहे हैं ! अगर यह सभी क्रियाएं मरीज नहीं कर पाता है तो समझ लीजिए कि उसे लकवा का अटैक हुआ है ! ऐसी परिस्थिति में उसे तत्काल किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाएं !
लकवा के प्रकार types of paralysis
शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले प्रभाव के अनुसार इसे पांच भागों में विभाजित किया गया है जो निम्नलिखित हैं !
1 चेहरे का लकवा Bell’s palsy : जब चेहरे पर लकवा का असर होता है तब वह फेशियल पेरेलिसिस कहलाता है ! इसमें मुंह थोड़ा टेढ़ा हो जाता है और आवाज अस्पष्ट होती है बोलने में कठिनाई होती है !
2 एकांगघात Monoplegia : इसे एकांगघात भी कहा जाता हैं ! इस प्रकार के लकवा में मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में डिफेक्ट होने पर एक हाथ या एक पैर में लकवा हो जाता है ! और उसमें गतिशीलता की कमी हो जाती है ! इस इस प्रकार के लकवा को एकांगघात अर्थात मोनोप्लेजिया कहते हैं !
3 सर्वांगघात quadriplegia : इस प्रकार का लकवा पूरे शरीर में कहीं भी हो सकता है इसे सर्वांगघात के नाम से जाना जाता है ! एसे में लकवे paralysis का प्रभाव शरीर के दोनों हिस्सों मे यानी दोनों हाथ व दोनों पैरों चेहरे और समूचे शरीर पर सकता है ! इसलिए इसे सर्वांगघात अर्थात क्वाड्रीप्लेजिया के नाम से जाना जाता है !
4 अधरांगघात paraplegia : इस प्रकार के लकवा में कमर के निचले भाग पर प्रभाव पड़ता है जिसमें दोनों पैरों में लकवा हो जाता है ! इस प्रकार का लकवा सुषुम्ना नाड़ी में खराबी आने से होता है ! प्रभाव अगर ग्रीवा खंड में होता है ! तो हो सकता है कि दोनों हाथ भी लकवा ग्रस्त हो जाए !
5 हेमीप्लेजिया hemiplegia : इस प्रकार का लकवा शरीर के एक भाग में दाएं तरफ या बाएं तरफ होता है ! इसमें बाया हाथ बाया पैर अथवा दाया हाथ दाया पैर प्रभावित होता है !
लकवा के जोखिम risk of paralysis
लकवा के कारण शरीर निष्क्रिय तो हो ही जाता है ! परंतु अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शरीर में विकसित होने लगती हैं ! जैसे पेप्टिक अल्सर मूत्राशय संबंधित रोग डिप्रेशन इत्यादि ! लकवा का अगर सही समय पर उपचार शुरू ना किया जाए तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है ! शारीरिक निष्क्रियता के कारण दूसरों पर आत्मनिर्भरता बनी रहती है ! मूत्र और आंत पर नियंत्रण नहीं रहता है !
लकवा होने पर क्या खाएं
लकवा के लिए निम्नलिखित कुछ चीजें महत्वपूर्ण हो सकती हैं इन्हें अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए !
1- मछली : मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है ! ब्लॉक के कारण नसों में आई खराबी को ठीक करने में मदद कर सकता है ! ह्रदय मस्तिष्क और हाई ब्लड प्रेशर के लिए ओमेगा 3 फैट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है !
2 – नारियल : नारियल पानी में पोटेशियम और ट्राइग्लिसराइड भरपूर मात्रा में पाया जाता है ! यह स्वास्थ्य को जल्दी ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है !
3 – एवोकैडो : यह कम कैलोरी और अधिक पोषक तत्वों से भरपूर उष्णकटिबंधीय फल है ! इस फल का सेवन करना अति उत्तम होता है !
4 – ब्रोकली : ब्रोकली में विटामिन A विटामिन C विटामिन बी6 फाइबर पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं !
5 – पालक – पालक में विटामिन ए विटामिन B2 और विटामिन सी के साथ फोलिक एसिड आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है ! परंतु खून पतला करने वाली दवाओं के साथ पालक का सेवन नहीं करना चाहिए !
लकवा से कैसे बचें
- लकवा के लिए सबसे बढ़िया बात यह है कि करीब 85 प्रतिशत केसेस में लकवा से बचा जा सकता है ! 40 प्रतिशत से आधिक मामले हाई ब्लड प्रेशर के कारण होते हैं ! इसलिए उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का उपचार बहुत ही आवश्यक है !
- इसके साथ ही धूम्रपान का परित्याग, सैर पर जाना, रेगुलर व्यायाम एवं एट्रियल फिब्रिलेशन, जिन लोगों में हृदय की गति अनियमित हो जाती है ! उसका ट्रीटमेंट होना भी जरूरी है !
- अनियमित खानपान जैसे अधिक तेल मसाले अधिक वसा वाले भोज्य पदार्थ बिल्कुल भी ना खाएं !
- तनाव लेने से बचें अत्यधिक तनाव की वजह से ब्लड प्रेशर और हृदय की कार्य क्षमता प्रभावित होती है !
- मिरर थेरेपी से भी लाभ प्राप्त लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसे अवश्य आजमाएं !
लकवा का निदान
आम तौर पर अगर paralysis के कारण स्पष्ट हो तब जांच की आवश्यकता नहीं पड़ती है ! परंतु कुछ मामलों में कारण अस्पष्ट होने पर जांच के लिए आदेशित किया जा सकता है जिनमें शामिल है !
सीटी स्कैन CT Scan – सीटी स्कैन अक्सर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण आई खराबी का पता लगाने के लिए किया जाता है ! इससे मस्तिष्क में ब्रेन हेमरेज और इनफाक्र्ट कहां है और कितनी मात्रा में है यह पता लगाया जा सकता है !
एम आर आई M.R.I. – इस का फुल फॉर्म है मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) यह स्कैन एक बिना दर्द की प्रक्रिया है ! इसका समय 11 से 80 मिनट के बीच रहता है ! जो स्कैन किए जाने वाले क्षेत्र के आकार और स्कैन की जाने वाली संख्या पर निर्भर करता है !
माइलोग्राफी Mielography – यह रिंढ़ और गर्दन में लगी चोटों के कारण हड्डियों के तंतुओं में आई खराबी को जस्टिफाई करने के लिए किया जाता है ! इसमें कॉटेज डाई दवा को रीढ़ मे इंजेक्ट किया जाता है ! जिसके बाद एक्सरे सीटी स्कैन या m.r.i. करने पर बीमारी की स्पष्टता बढ़ जाती है !
इलेक्ट्रोमायोग्राफी Electromyography – इसका प्रयोग अक्सर चेहरे के लकवे में किया जाता है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि चेहरे का लकवा किन मुख्य कारणों से हुआ है !
लकवा का घरेलू उपचार paralysis home remedy
लकवा paralysis के कुछ रामबाण घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं !
लहसुन – लकवा के मरीज को चार-पांच लहसुन की कच्ची कलियां पीसकर इसमें दो चम्मच शहद अच्छी तरह मिक्स करके देना चाहिए ! ऐसा करने से करीब एक से दो महीने में ही आपको सुधार नजर आने लग जाएगा ! अथवा लहसुन को दूध में मिलाकर गर्म करने के बाद पी सकते हैं !
बला के पत्ते – बला (sida cordifolia) के पत्ते लगभग दिल के आकार के समान होते हैं ! और इसके फूल पीले कलर के होते हैं ! बला की तीन चार पत्ते या जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से लकवा के अलावा मधुमेह हाई ब्लड प्रेशर और टीवी की बीमारी तब ठीक हो सकती है !
व्हीटग्रास जूस – सबसे पहले एक मुट्ठी गेहूं मिट्टी में बने जब यह उग जाए तब 10 12 दिन बाद इसकी जड़ को अलग करके थोड़ा पानी और मिश्री मिलाकर एक मिक्सर में पीस लें ! अब इसे खाली पेट पिऐं कुछ दिन में ही लाभ मिलने लगेगा !
एलोवेरा जूस – एलोवेरा जूस बनाकर या रेडीमेड खरीद कर पीने से भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसमें आंवले का जूस मिलाकर पी सकते हैं ! इससे लकवा paralysis में लाभ मिलता है