अचानक बेहोश हो जाना और बेहोश होने के साथ ही शरीर में थोड़ी बहुत ! अकड़न होने को अपसमार या मिर्गी (Epilepsy) कहते हैं ! बेहोशी या गशी आने से पहले प्रायः रोगी को पता नहीं चलता है कि उसे दौरा कब पड़ने वाला है ! बातें करते-करते बोलते बोलते अथवा चलते फिरते रोगी एकाएक बेहोश हो जाता है ! और उसे अकड़न होने लगती है कोई-कोई तो बहुत जोर जोर से चिल्ला कर बेहोश हो जाते है !
आज तक इस बीमारी का असली कारण मालूम नहीं होगा है ! यह बीमारी अक्सर 10 साल से 20 साल के अंदर शुरू हो जाती है ! मानसिक विकृति, पेट में कृमि, रितु संबंधी दोष, अत्यधिक धूम्रपान, अत्यधिक मास्टरबेशन ! आंव /dysentery और अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम करने से हो सकता है !
रोग का प्रथम आक्रमण प्रायः संक्रामक ज्वर, सिर में चोट लगना, आंतों में अधिक कीड़े हो जाना आदि आदि कारणों के बाद यह होता है ! इस रोग में रोगी अचानक जमीन पर गिर पड़ता है ! और अकडन से रोगी की गर्दन एक तरफ को टेढ़ी हो जाती है !
आंखें फटी फटी सी और पलकें स्थिर हो जाती हैं ! मुंह में फेंन (झाग) भर जाते हैं ! रोगी हाथ पैर पटका करता है दांत बैठ जाता है या किसी किसी की जीभ बाहर निकल जाती है ! किसी किसी को अनजाने में पेशाब और पकाना भी हो जाया करता है !
रोगी को सांस लेने में कष्ट होता है यह हालत 10 से 15 मिनट बनी रहती है ! किसी किसी को यह दौरा 2 से 3 घंटे तक रह सकता है ! इसके बाद दौरे /convulsions का घटना शुरू हो जाता है श्वास भी आसानी से आने लगता है ! और रोगी को होश आने लगता है या उसे गहरी नींद आ जाया करती है ! के कारण
मिर्गी के कारण causes of epilepsy
वैसे आज तक इस रोग epilepsy का असली कारण पता नहीं चला है ! यह बीमारी अक्सर 10 साल के बाद हुआ करती है ! अत्यधिक हस्तमैथुन और अत्यधिक संभोग साथ ही ज्यादा शराब पीने के कारण भी मिर्गी की समस्या हो सकती है ! अधिक शारीरिक या मानसिक परिश्रम, मासिक संबंधी दोष, आंव, आंत में कृमि तथा सिर में चोट आदि के कारण भी यह समस्या होती है ! मिर्गी भी एक आनुवंशिक रोग है ! यह बीमारी संक्रामक बुखार के उपरांत शुरू होती है ! रोगी को दौरे आते हैं तो उसका मुंह एक तरफ को घूम जाता है !
आंखें पथरा जाती हैं, जबड़ा बैठ जाता है, मुठियां कस जाती हैं ! दौरे के समय मुंह से घों-घों की आवाज हुआ करती है ! तदुपरांत रोगी बेहोश हो जाता है ! इसके मूल कारणों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए ! कब्ज और थकान से बचना चाहिए तनाव और मन विकारों को दूर करना चाहिए ! मामूली दौरे आयु बढ़ने के साथ कम होते जाते हैं ! एंटी एपिलेप्टिक और कृमि नाशक दवाओं के कुछ महीनों तक इलाज से अवश्य ही इसके लक्षणों में कमी आती है !
मिर्गी के लक्षण
इस रोग epilepsy में रोगी अचानक जमीन पर गिर पड़ता है अकड़न के कारण रोगी की गर्दन एक तरफ को टेढ़ी हो जाती है ! आंखें फटी फटी सी और पलकें स्थिर हो जाती हैं ! मुंह से झाग निकलने लगता है तथा रोगी अपने हाथ पर पटका करता है ! किसी किसी रोगी में जीभ तक बाहर निकल आती हैं ! साथ ही अनजाने में मल और पेशाब भी हो जाया करता है ! सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है ! यह अधिक समय तक चलने वाला रोग हैं !
कभी-कभी यह युवावस्था अथवा प्रौढ़ावस्था में अकस्मात शांत हो जाता है ! नहीं तो यह आजीवन चलता रहता है ! जैसे जैसे रोग seizures की तीव्रता बढ़ती है मानसिक अवस्था बिगड़ती जाती है ! धीरे-धीरे बुद्धि मंद पड़ती जाती है ! और स्मरण शक्ति घट जाती है ! कभी-कभी ज्ञान शक्ति बिल्कुल ही नष्ट हो जाती है ! ऐसा माना जाता है कि रोगी जब पानी वाले स्थान पर जाता है तब मिर्गी के दौरे अधिक पढ़ते हैं !
मिर्गी के जोखिम risk of epilepsy
मिर्गी epilepsy एक चिरकालांतर रोग है कभी-कभी यह युवावस्था में अथवा प्रौढ़ावस्था में अकस्मात शांत हो जाता है ! नहीं तो यह रोग जीवन भर चलता रहता है ! इस रोग में मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है और बुद्धि मंद हो जाती हैं ! डिप्रेशन की भांति लक्षण आते हैं पानी वाले स्थान पर इस रोग का आक्रमण होने पर मृत्यु का खतरा बना रहता है !
खाने में इन्हें शामिल करें food for epilepsy
मिर्गी epilepsy जैसे रोग में निम्नलिखित फल फ्रूट और आहार बिहार से लाभ प्राप्त होता है ! जैसे पपीता, नींबू, आम, जामुन, अनार, अमरूद आदि पके फल एवं सब्जियों में साग, गूलर, केले के फूल से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है ! साथ ही पुदीने की चटनी भी फायदेमंद होती है ! स्वस्थ दिनचर्या का पालन करना चाहिए और क्लाइमेट चेंज (रहने के स्थान में बदलाव) भी करना चाहिए !
इनका सेवन ना करें
तंबाकू बीड़ी सिगरेट शराब आदि मादक पदार्थ ! और चाय कॉफी आदि उत्तेजक द्रव्य का त्याग करना चाहिए ! साथ ही मांस मछली और सब प्रकार के कठोर व्यायाम बिल्कुल भी नहीं करें ! साइकिल अथवा कोई भी वाहन बिल्कुल भी नहीं चलाना चाहिए !
इससे दौरे के समय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है ! विवाहित स्त्री पुरुष को संभोग से बचना चाहिए साथ ही ! अविवाहित व्यक्तियों को विवाह से बचना चाहिए ! तरल भोजन तथा पेय पदार्थ कम मात्रा में ही लेना चाहिए !
खून में छार की मात्रा बढ़ जाने से दौरे अधिक आने लगते हैं ! मिर्गी epilepsy के लिए खाने वाला चूना बेहद ही नुकसानदायक होता है !
मिर्गी की आनुषंगिक चिकित्सा treatment of epilepsy
मिर्गी का दौरा पड़ने पर सिर के नीचे तकिया रखकर सिर को थोड़ा ऊंचा रखें ! रोगी को पेट के बल ना लेटने दे ! इससे उसकी नाक और मुंह तकिए में दबकर उसकी मृत्यु हो सकती है ! दांत बैठ जाने पर दोनों दांतों के बीच में एक कड़ा फोर्क या नरम लकड़ी का टुकड़ा रखें अथवा कपड़े की पोटली रखें ! जिससे जीभ कटने की संभावना कम होगी ! हाथ पैरों में गर्म सेंक और माथे पर ठंडे पानी की पट्टी रखें ! या आइस पैक रखें धीरे-धीरे बदन की मालिश करते रहे ! एमिल नाइट्रेट की 5 बूंद रुमाल पर रखकर सुघांने से लाभ मिलता है ! दौरे (epilepsy) की तीव्रता अधिक होने पर क्लोरोफॉर्म सुघांने से भी लाभ मिलता है !