आंतों में इन्फेक्शन उपरांत चिकनाई या ब्लड मिश्रित मल के बाहर आने को ही Dysentery in hindi या पेचिश (आंव) कहते हैं ! खासकर बैक्टीरिया और अमीबा द्वारा इंसान में पेचिश का प्रादुर्भाव होता है ! वैसे ज्यादातर अमीबा नामक जीवाणु ही इसके मुख्य कारण होते हैं ! यह दूषित खाने पीने की चीजों से प्राय: हुआ करता है ! पेचिश के बैक्टीरिया मल में होते हैं और मक्खियों के द्वारा यह बीमारी लोगों में फैला करती है ! पेचिश के लक्षण धीरे-धीरे प्रारंभ होते हैं ! इसमें दस्त की संख्या में वृद्धि हो जाती है और क्वांटिटी (मात्रा) घट जाती है ! तत्पश्चात निर्जलीकरण के लक्षण प्रदर्शित होने लगते हैं ! ऐसे में ओआरएस पाउडर से लाभ मिलता है !
दस्त में अमीबा बैक्टीरिया आंव और पस की उपस्थिति देखी जाती है ! दस्त के रंग में रक्त श्याह लाल कलर की उपस्थिति होती है ! पेचिश में बुखार हो ऐसा जरूरी नहीं है अक्सर देखा जाता है कि पेचिश में बुखार बहुत ही कम देखने को मिलता है !
पेचिश dysentery होने पर पेट में मरोड़ के साथ दर्द होता है और साथ ही यकृत में फोड़ा भी बन सकता है ! जब तक आंतो में इंफेक्शन रहता है तब तक इससे एक दूसरे को छूट लगने की संभावना रहती है ! इसलिए पीड़ित व्यक्ति को शौचालय का ही उपयोग करना चाहिए ! शौचालय उपरांत अपने हाथों को किसी अच्छे साबुन से धोकर इस रोग से बचा जा सकता है ! जब यह संक्रमण अमीबा द्वारा होता है तब पेट में मरोड़ के साथ खून के दस्त भी हो सकते हैं ! बैक्टीरियल डिसेंट्री के समय शिगेल्ला बैक्टीरिया की उपस्थिति देखी जाती है ! जिसे बेसिलिरी डिसेंट्री भी कहते हैं ! यह उन्हें ही अधिक होता है जो लोग गंदे स्थानों पर रहते हैं ! या साफ सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखते हैं !
पेचिश का प्रकार types of dysentery in hindi
मल के कलर और इंटेंसिटी के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा पेचिश dysentery को दो प्रकार में विभाजित किया गया है ! ए चीज के दो प्रकार निम्नलिखित हैं !
1*अमीबिक डिसेंट्री – आमतौर पर लोगों को अमीबा द्वारा संक्रमित पेचिश ही हुआ करती है ! अमीबा खासकर दूषित पानी में ही पैदा होते हैं ! जिसे पीने से अमीबिक डिसेंट्री (Amoebiasis) का संक्रमण हो जाता है ! अमीबा एक कोशिकीय पैरासाइट होता है जो आंतो को संक्रमित करता है और आंतो में अपनी संख्या को बढ़ाकर एक प्रकार के सिस्ट (झील्ली) का निर्माण करता है ! जो मल के साथ पस (बलगम) के रूप में बाहर निकलता है !
2* बैक्टीरियल पेचिश – बैक्टीरियल पेचिश शिगेल्ला नामक बैक्टीरिया के कारण होता है यह दूषित फल फ्रूट दूषित खाने पीने की चीजों से हुआ करता है ! जिसे बैक्टीरियल डिसेंट्री या shigellosis के नाम से जाना जाता है ! यह भी पेचिश dysentery का एक सामान्य रूप है स्वच्छ खानपान और साफ सफाई का ना होना इसका मुख्य कारण है ! वैसे यह रोगी के मल मूत्र द्वारा भी दूसरे व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है !
पेचिश का कारण causes of dysentery
दूषित खानपान और साफ सफाई का ना होना इसका मुख्य कारण है ! साथ ही गंदे पानी और तालाब में स्नान करने से भी पेचिश dysentery का संक्रमण हो सकता है ! रोगी के मल मूत्र पर मक्खियां बैठने के बाद खाने पीने की चीजों को संक्रमित करती हैं और फिर उनके सेवन से मनुष्य संक्रमित हो जाता है ! अब इसके मुख्य कारणों को सूचीबद्ध तरीके से जानते हैं !
- अमीबा पैरासाइट का संक्रमण
- बैक्टीरियल संक्रमण
- दूषित पानी का सेवन
- दूषित खाद्य पदार्थ का सेवन
- संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाना
- संक्रमित तालाब आदि में नहाना
- बहुत गर्मी या सर्दी लगना
- मक्खियों का खाने पीने की चीजों पर बैठना
- दूषित फल का सेवन
पेचिश का लक्षण symptoms of dysentery in hindi
पेचिश प्राय: धीरे-धीरे प्रारंभ होता है और इसे ठीक होने में भी हफ्तों का समय लगता है ! इसमें दस्त की मात्रा कम हो जाती है और दस्त की संख्या में बढ़ोतरी होती है ! मल में आंव और बलगम (पस) की उपस्थिति होती है ! और मल का कलर श्याह लाल हो जाता है पेचिश dysentery होने पर यकृत में फोड़ा या यकृत विकार हो जाया करता है ! पेट में मरोड़ के साथ तेज दर्द होता है और बार-बार सौच की अनुभूति होती है ! साथ ही शरीर में तेजी से डिहाइड्रेशन होने लगता है जिससे शरीर की त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती हैं ! बैक्टीरियल डिसेंट्री में तेज बुखार हो सकता है ! और कब्ज भी हो सकती है परंतु अमीबिक डिसेंट्री में बुखार नहीं हुआ करता है ! कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं !
- पेट में मरोड़ के साथ दर्द
- पेट में ऐंठन
- बलगम युक्त मल
- दस्त के साथ बुखार
- पतले दस्त ब्लड या पस मिश्रित
- मल त्याग के समय पेट और आंत में तेज दर्द
- सौच की संख्या में बढ़ोतरी
- श्याह लाल कलर का मल
- दस्त के ठीक होने पर कब्ज की शिकायत
पेचिश में लाभदायक खाद्य पदार्थ
पीड़ित व्यक्ति को खाने में पाचक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए उन्हें खाने में कसेरू कच्चा सिंघाड़ा अरारोट मट्ठा धान के लावे का मांड़ दलिया कच्चे बेल का सिझाया हुआ अंश अनार का रस बकरी का दूध गाय की दही इत्यादि चीजों को शामिल करना चाहिए ! साथ ही नींबू अनानास खट्टा संतरा खट्टे अंगूर खट्टी दही इत्यादि चीजें नहीं खानी चाहिए ! इनसे पेचिश dysentery in hindi में लाभ मिलता है !
पेचिश का निदान diagnosis of dysentery in hindi
यदि आपको या आपके बच्चे में पेचिश के लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें ! यदि इसेअनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो पेचिश घातक निर्जलीकरण का कारण बन सकता है ! और जीवन के लिए खतरा बन सकता है ! आपका डॉक्टर आपके लक्षणों और किसी भी हाल की यात्रा की समीक्षा करेगा ! आप देश या विदेश की यात्रा पर गए हुए थे तो अपने डॉक्टर से इसे साझा करें ! यह जानकारी आपके डॉक्टर को आपके लक्षणों के संभावित कारण को कम करने में मदद कर सकती है !
कई स्थितियों में दस्त हो सकता है ! यदि आपको पेचिश के अन्य लक्षण नहीं हैं, तो आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए नैदानिक परीक्षण का आदेश देगा कि कौन से बैक्टीरिया मौजूद हैं ! इसमें एक रक्त परीक्षण और एक मल के नमूने का एक प्रयोगशाला परीक्षण शामिल है ! आपका डॉक्टर यह तय करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण भी कर सकता है कि क्या एंटीबायोटिक मदद करेगा !
डॉक्टर को कब दिखाएं when to see a doctor
आमतौर पर पेचिश dysentery स्वत: ही घरेलू उपचार से तीन-चार दिनों में ठीक हो जाता है ! अगर पेचिश के साथ उल्टियां शुरू हो जाए तो डॉक्टर को अवश्य ही दिखाना चाहिए ! ऐसी स्थिति में शरीर में पानी की बेहद कमी हो जाती है ! जिसे इंट्रावेनस फ्लूड के जरिए पूर्ति करने की आवश्यकता होती है ! जिसे आप के डॉक्टर जांच करने के उपरांत डिहाईड्रेशन को आई वी फ्लूड़ के जरिए रिहाइड्रेट कर सकते हैं !
पेचिश से बचाव कैसे करें
पेचिश के संक्रमण से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपने हाथों की साफ-सफाई के साथ-साथ स्वच्छ खानपान को अपनाना ! अगर कोई संक्रमित है तो वह स्वस्थ लोगों के लिए संक्रमण का कारक बन सकता है ! इसलिए संक्रमित व्यक्ति से संपर्क के समय सावधानी बरतें ! अगर आपने पेचिश dysentery in hindi के संक्रमण के लक्षण हैं तो निम्नलिखित कार्य करके आप स्वयं और दूसरों को स्वस्थ रख सकते हैं !
- उबले हुए पानी पिए
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें !
- सौच के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें !
- सोच के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धो लें !
- पेचिश के संक्रमण के ठीक होने तक यौन संपर्क से बचें !
- फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही होती हो करें !
- संक्रमण के दौरान स्कूल या ऑफिस जाने से बचें !
- अपने प्रयोग के सभी कपड़ों को गर्म पानी में धोऐं !
- अपने टॉयलेट को टॉयलेट क्लीनर से अच्छी तरह धोएं !
- पूर्ण रूप से पके हुए खाद्य पदार्थ ही खाएं !
- डब्ल्यूएचओ रिकमेंड ORS को पानी में घोलकर पीऐं !
पेचिश खतरनाक कब होता है
आंतों में कैंसर या ट्यूमर होने पर जब पेचिश dysentery का संक्रमण होता है तो यह काफी नुकसानदायक होता है साथ ही इसका जोखिम खासकर उन लोगों को अधिक होता है जो अपनी साफ सफाई का ध्यान खुद नहीं रख पाते हैं और दूसरों पर निर्भर रहते हैं ! जिनकी इम्यूनिटी कम होती है उनके लिए भी यह खतरनाक साबित होता है जैसे वृद्ध लोग ! कुछ विशेष परिस्थितियां जिनमें यह खतरनाक साबित होता है !
- कुछ दवाएं जो शरीर की प्रतिरक्षा को कम करती हैं !
- कैंसर या ट्यूमर !
- आसानी से संक्रमित होने वाली उम्र जैसे बच्चे और बूढ़े !
- गर्भावस्था !
- शरीर में पोषण की कमी !
- पेचिश के समय शराब की लत !
उपर्युक्त परिस्थितियों मे डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें ! ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है !
पेचिश में प्रयोग होने वाली दवाऐं medicines for dysentery in Hindi
पेचिश में कुछ विशेष दवाऐं प्रयोग की जाती हैं जो एंटीबायोटिक या एंटी अमीबीक हो सकती हैं अथवा एंटीबायोटिक और एंटीअमीबिक दोनों हो सकती हैं ! यह आपके डॉक्टर द्वारा डायग्नोज करने पर निर्भर करता है पेचिश dysentery में प्रयोग होने वाली कुछ दवाएं निम्नलिखित हैं ! जिन्हें बिना डॉक्टर के परामर्श के सेवन ना करें इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं !
- Furazolidone
- Lopramide
- Metronidazole
- Tinidazole
- Norflox TZ
- Cifron TZ
- Oflo Oz
मल में खून आने का घरेलू उपाय homw remedy of dysentery in Hindi
पेचिश (आंव) के लिए घरेलू उपचार प्रभावी रूप से कार्य करते हैं ! घरेलू उपचार करके भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है जिसकी विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है !
जामुन
जामुन की छाल 25 से 30 ग्राम को लेकर उसे अच्छी तरह कूट पीसकर एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें पानी जब आधा गिलास रह जाए ! तब उसमें शहद मिलाकर पीने से पेचिश में विशेष लाभ मिलता है!
नींबू
नींबू पानी पीने से भी पेचिश में आराम मिलता है नींबू में माइक्रोबियरल से लड़ने की क्षमता होती है यह पेचिश के संक्रमण को कम करता है ! इसके लिए एक गिलास पानी में नींबू निचोड़ कर उबाल ले फिर छानकर इसमें नमक मिलाकर पिए !
सेव
सेब के छिलके में काली मिर्च मिलाकर अच्छी तरह पीस लें ! अब इसे चटनी के रूप में सुबह शाम खाने के साथ सेवन करें इससे पेचिश जल्द ही ठीक हो जाता है !
अजवाइन
अजवाइन के साथ सूखा पुदीना और बड़ी इलायची सभी 10-10 ग्राम मिलाकर अच्छी तरह पीस लें ! सुबह-शाम भोजन के उपरांत आधा-आधा चम्मच खाकर पानी पीने से पेचिश जल्द ही ठीक हो जाती है !
अनार
पेचिश dysentery का संक्रमण होने पर एक कप अनार के रस में पांच चम्मच पपीते का रस मिलाकर पीने से पेचिश में आराम मिलता है इसका सेवन सुबह शाम करें ! Dysentery in hindi