Malaria in Hindi – मलेरिया के लक्षण और बचाव
जुलाई से से लेकर नवंबर के बीच ज्यादातर लोग मलेरिया से पीड़ित होते हैं ! यह प्लाज्मोडियम नाम के पैरासाइट द्वारा फैलता है ! जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है ! यह स्थिर और गंदे पानी में बहुत तेजी से अपने वंश की वृद्धि करते हैं ! कुछ सालों से भारत में malaria in Hindi मलेरिया रोग में कमी आई है !
फिर भी कुछ राज्य है जहां आज भी मलेरिया तेजी से फैलता है ! उन्हीं में से एक उड़ीसा राज्य है जहां मलेरिया के कुल केस के 35 से 45 परसेंट केस मिल जाते हैं ! अगर पूरे भारत की बात करें तो मलेरिया ! उड़ीसा झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र त्रिपुरा और मेघालय मे ज्यादा होता है !
हालांकि राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर मलेरिया रोधी अभियान चलाया जाता है ! जिसका बहुत अच्छा रिजल्ट भी मिल रहा हैं ! मलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है यह मादा एनाफिलीज मच्छर के बाइट करने से होता है !
यह केवल रात्रि के समय ही बाइट करता है ! मच्छरदानी के प्रयोग से मच्छरों से पूरी तरह बचाव होता है ! इससे बचने का सबसे सुरक्षित और आसान तरीका मच्छरदानी ही है ! इसका पिक समय बरसात का जुलाई महीना होता है ! इस महीने में यह बहुत तेजी से फैलता है !
एवं अक्टूबर-नवंबर के बाद मलेरिया के केस कम ही देखने को मिलते हैं ! मलेरिया होने पर तेज कंपकपी के साथ बुखार और उल्टी होना इसके मुख्य लक्षण हैं ! इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह मस्तिष्क में पहुंचकर बेहद नुकसान पहुंचा सकता है ! यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है !
मलेरिया के कारण causes of malaria in Hindi
मलेरिया होने का मुख्य कारण मादा एनाफिलीज मच्छर होता है ! इसी प्रकार मादा एनाफिलीज मच्छरों द्वारा प्रदूषित तालाब झील और नहर के पानी में नहाने से भी हो सकता है ! यह ग्रीष्म प्रधान कंट्री में वर्षा के बाद विकसित हुए मच्छरों द्वारा फैलता है ! जब यह किसी व्यक्ति को बाइट करते हैं ! उस समय मलेरिया (Malaria in Hindi) के पैरासाइट शरीर में पहुंच जाते हैं ! इसी कारण से लोग मलेरिया रोग से पीड़ित हो जाते है !
मलेरिया के लक्षण symptoms of malaria in Hindi
मलेरिया मे शुरुआत में ठंड लगती है इसके बाद तेज बुखार के साथ कंपकपी होती है ! हालांकि किसी किसी में यह लक्षण नहीं होते हैं फिर भी वह मलेरिया पॉजिटिव होते हैं ! कभी-कभी मलेरिया के बुखार में ( fever ) नहीं आता है ! और यह धीरे-धीरे बढ़ता रहता है जिसके कारण उन्हें हिमोग्लोबिन की कमी होती है ! ज्यादा एनीमिक होने के कारण यह खतरनाक भी हो सकता है ! मलेरिया (Malaria in Hindi) सामान्य बुखार से बिल्कुल ही अलग होता है और हर अल्टरनेट डेज में बुखार आता रहता है !
- ठंड लगना और कंपकपी
- जोड़ों में दर्द
- सिर दर्द /headache
- उल्टी या जी मिचलाना
- मूत्र में रक्त आना
- मांस पेशियों में दर्द
- खून की कमी ( एनीमिया होना )
- दस्त होना
- गहरी सांस लेने में दिक्कत होना
- दौरे पड़ना
अनकंप्लिकेटेड मलेरिया
अनकॉम्प्लिकेटेङ मलेरिया मे इसके लक्षण फ्लू के समान होते हैं ! इस प्रकार के कम लक्षणों वाले अनकंप्लिकेटेड मलेरिया में ज्यादा समस्या नहीं होती है ! (Malaria) में शुरुआत में ठंड लगती है फिर गर्मी लगती है और पसीने आते हैं’! फिर बुखार क्रमशः कम होने लगता है !
मलेरिया के प्रकार types of Malaria in Hindi
मलेरिया अक्सर एक परजीवी तरह के परजीवी (Parasite) की वजह से होता है ! जिसे प्लाज़मोडियम कहा जाता है ! वैसे तो पूरे विश्व में पांच प्रकार के मलेरिया पैरासाइट पाए जाते हैं ! परंतु भारत में यह दो प्रकार का पाया जाता है ! एक है मलेरिया फाल्सीपारम और दूसरा मलेरिया वाईवैक्स है ! मलेरिया (Malaria) के पांचों प्रकार निम्नलिखित हैं !
- 1 – मलेरिया फाल्सीपारम / प्लाज़मोडयम फाल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) यह मलेरिया का सबसे आम प्रकार का मलेरिया पैरासाइट है ! तथा पूरे विश्व में ज्यादातर मलेरिया पेशेंट की मृत्यु प्लाज़मोडयम फाल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) के द्वारा ही होती हैं !
- 2 – मलेरिया वाईवैक्स / प्लाज़मोडियम वाईवैक्स (Plasmodium Vivax) यह परजीवी प्