दमा Asthma रोग आमतौर पर बुजुर्ग अवस्था में हुआ करता है ! और ज्यादातर लोगों को यह अपने माता पिता से ही प्राप्त होता है ! साथ ही कभी-कभी नाक की कोई बीमारी जैसे नाक में उपदंस या फोड़ा ! और ब्रोंकाइटिस, जरायु या डिंब कोश की बीमारी, स्नायु के रोग, श्वास नली में संकुचन और हवा के साथ धूल कंण या धूआं आने !
आदि कारणों से यह बीमारी हो जाया करती है ! बच्चों को यह दमें या सांस का रोग आमतौर ! पर खसरा और कुकुर खांसी (काली खांसी) होने के बाद हुआ करता है ! दमे की खांसी में तनाव के कारण स्वास प्रश्श्वास में कष्ट होता है !
और कभी कभी रह रह कर कम या ज्यादा मानसिक तनाव भी हुआ करता है ! जिस दमे की खांसी में /cough ज्यादा नहीं निकलता है ! उसे सूखा दमा (Dry Asthma) या शुष्क स्वास कहते हैं ! और जिस में बहुत ज्यादा कफ निकलता है उसे आर्द्र स्वास (Humid asthma) कहते हैं !
दमा के दौरे के समय पीड़ित व्यक्ति ना तो ठीक से सो सकता है और ना ही ठीक से बैठ सकता है ! वह खुली हवा के लिए बेचैन हो उठता है और बहुत ही अत्यधिक श्वास कष्ट होता है ! गले मे सांय सांय की आवाज होती रहती है !
खांसते खांसते जब कुछ बलगम निकल जाता है तब आराम महसूस होता है ! स्वास प्रवास का कष्ट जब अधिक बढ़ जाता है तब रोगी का चेहरा नीला पड़ जाता है ! और वह पसीने से भीग जाता है ! यह बीमारी खासकर सर्दी के दिनों में और बरसात के दिनों में ही व्यक्ति को प्रभावित करती है !
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि यदि पीड़ित व्यक्ति को धूल रहित वातावरण में रखा जाए तो ! उसका दमा लगभग ठीक हो जाता है ! और दौरे का पुनराक्रमण नहीं होता है पीड़ित को तुरंत फायदे के लिए यह परहेज बहुत लाभदायक है !
दमा के कारण causes of asthma
अधिकांश लोगों को यह अपने माता-पिता से विरासत में मिलता है ! अर्थात यह रोग आनुवंशिकी है कभी-कभी दमा Asthma नाक की कोई बीमारी और महिलाओं में जरायू या डिंबकोस की बीमारी होने के कारण होता है ! बच्चों में खसरा और कुकुर खांसी होने पर यह हो जाया करता है ! यह सर्दी खांसी जुकाम फ्लू /pneumonia और धूम्रपान के कारण भी हो सकता है !
साथ ही एलर्जी की वजह से भी अस्थमा हो सकता है ! धूल भरा वातावरण दमा के लिए बेहद घातक सिद्ध होता है ! इसलिए दमा का रोगी जिस स्थान पर रहता है वहां आसपास संपूर्ण साफ सफाई रखनी चाहिए !
दमा के लक्षण symptoms of asthma
दमे की खांसी में कफ ज्यादा नहीं निकलता है परंतु बहुत खांसने पर थोड़ा बहुत कफ निकलता है ! और कफ निकल जाने के बाद आराम महसूस होता है ! स्टैथोस्कोप से एग्जामिन करने पर साएं साएं की आवाज सुनाई देती है ! दमा asthma में खांसी दौरे के रूप में आती है और व्यक्ति को व्याकुल कर देती है खांसी के समय चेहरा नीला पड़ने लगता है अब कुछ अन्य लक्षण निम्नलिखित है !
- दमा में खांसी बलगम वाली अथवा सूखी खांसी हो सकती !
- धूल भरे वातावरण में खांसी के जाने लगती है !
- व्यायाम अथवा मेहनत के कार्य करने पर सांस फूलने लगती है !
- व्यक्ति जोर-जोर से सांस लेता है !
- सांस लेने पर गले में सांय सांय की आवाज होती है !
- रात्रि में सांस की समस्या बढ़ जाती है !
- सांस में कष्ट के साथ घबराहट भी होती है !
- खांसते-खासते उल्टियां भी होती हैं !
- दमे की खांसी के साथ तनाव भी बढ़ता है !
दमा के प्रकार types of asthma
विशेषज्ञों के मुताबिक दमा asthma के कई प्रकार होते हैं ! जिन्हें उनके लक्षणों के आधार पर विश्लेषित किया गया है !
मिक्सड अस्थमा
इस प्रकार के दमा में कोई एक नहीं बल्कि कई कारण एक साथ सम्मिलित होते हैं ! कभी यह एलर्जी से होता है तो कभी इसके कारणों में कई चीजें शामिल होती हैं ! इसलिए इसका पता लगाना थोड़ा कठिन होता है !
एक्सरसाइज इंड्यूस्ड अस्थमा
इस प्रकार का अस्थमा दमा ज्यादा शारीरिक मेहनत या एक्सरसाइज करने से होता है ! कोई व्यक्ति जब आवश्यकता से अधिक कार्य करता है उसे शारीरिक थकान के रूप में अस्थमा अपनी चपेट में ले लेता है !
नोक्टूरनल अस्थमा
इस प्रकार का अस्थमा रात के समय ही प्रभावित करता है जब अधिकांशत: रात के समय दमे का अटैक पढ़ने लगे तो ! हम समझ सकते हैं कि यह Nocturnal अस्थमा है !
एलर्जीक अस्थमा
इस प्रकार के अस्थमा में किसी विशेष चीज से एलर्जी होती है जैसे धूल मिट्टी या किसी खाद्य वस्तु से जब हम इसके संपर्क में आते हैं ! तो दमा होने के चांस बढ़ जाते हैं यह मौसम परिवर्तन के समय भी प्रारंभ होता है !
ऑक्यूपेशनल अस्थमा
इस प्रकार का दमा एक ही वातावरण में रहने या एक ही प्रकार का कार्य हमेशा करने पर होता है ! अपनी कार्यशैली और कार्यस्थल को बदलकर इससे बचा जा सकता है !
मिमियक अस्थमा
इस प्रकार का अस्थमा पूर्व में हुई कोई अन्य बीमारियों की वजह से होता है ! जैसे हृदय रोग खसरा निमोनिया फ्लू इत्यादि ! इसमें अन्य बीमारियों के साथ अस्थमा का भी इलाज होना जरूरी है !
दमा खतरनाक कब होता है ? asthma in hindi
दमा asthma में जब सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ सीने में दर्द, गले में दर्द और घबराहट होने लगे तब यह हृदय रोग, फेफड़े के रोग, चक्कर आना, ब्लड प्रेशर कम होना इत्यादि समस्याएं पैदा कर सकता है ! जो अस्थमा के लिए बेहद घातक सिद्ध होता है !
डॉक्टर को कब दिखाएं ?
शुरुआत में जब तक आपकी दैनिक दिनचर्या प्रभावित नहीं होती है तब तक तो सब ठीक रहता है ! परंतु दमा asthma पुराना होने के साथ-साथ जब अन्य समस्याएं पैदा करने लगे जैसे कि थोड़ा सा भी कार्य करने पर अत्यधिक थकान और सांस फूलने लगे साथ ही अन्य समस्याएं होने लगे जैसे कि ह्रदय रोग, घबराहट, अत्यधिक पसीना आना, ब्लड प्रेशर कम होना अगर यह सभी समस्याएं उत्पन्न होने लगे तो डॉक्टर को अविलंब दिखाना चाहिए !
दमा से कैसे बचें prevention from asthma
दमा asthma रोग में इलाज के साथ-साथ परहेज की भी विशेष आवश्यकता होती है ! धूल भरे वातावरण से दूर रहकर एवं ठंडी खाद्य वस्तुओं के सेवन से बचकर इस रोग से बचा जा सकता है ! हमेशा अपने साथ एक अच्छी कंपनी का इनहेलर रखें ! आइए अब कुछ विशेष टिप्स के बारे में समझते हैं !
- धूल भरे वातावरण से दूर रहें
- बारिश में भीगने से बचें
- ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंड चीजें ना खाएं
- घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें
- धूम्रपान से बचें
- हमेशा गुनगुने पानी ही पिए
- एलर्जी वाली चीजों से दूर रहें
- अम्लीय खाद्य वस्तुएं ना खाएं
- अत्यधिक श्रम ना करें
- अत्यधिक खट्टी चीजों का सेवन ना करें
इन चीजों को बिल्कुल ना खाएं
दमा asthma होने पर कुछ चीजों का परहेज करके दमा से बचा जा सकता है ! जैसे लाल मिर्च, लहसुन, अंडा, मांस, मछली, चना, सेम, बैंगन, ठंडा पानी, बर्फ, अत्यधिक तेल, मसाले, और चावल ! इन चीजों को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए इन से सांस की समस्या और बढ़ सकती है ! साथ ही ऋतु परिवर्तन के समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए !
दमा में खाने की लाभदायक चीजें
दमा asthma रोग में अनार का रस, अदरक, शहद, गर्म दूध, गरम चाय, गरम काफी, गुनगुने पानी में किसी फल का रस, या ग्लूकोज मिला कर दे सकते हैं ! साथ ही सुबह शाम की सैर करना बेहद लाभदायक होता है ! सुबह शाम प्राणायाम भी कर सकते हैं इसे विशेष लाभ प्राप्त होता है !
दमा का घरेलू उपचार asthma home remedy
आइए अब कुछ दमा asthma के घरेलू उपचार के बारे में समझते हैं ! जो दमा के रोगियों को विशेष लाभ पहुंचा सकता है !
कॉफी
गर्म काफी दमा के रोगियों के लिए त्वरित और बेहद फायदेमंद होती है ! यह स्वास नली को फैलाकर दमा में सांस लेने की दिक्कत को तुरंत दूर करती है ! इसे दमा का रोगी पीकर दमा में लाभ प्राप्त कर सकता है !
सहद
श्वास रोग के इलाज के लिए सहद एक प्राकृतिक और पुराना घरेलू उपचार है ! एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सुबह-शाम सेवन करने से सांस संबंधी समस्या दूर होती है ! इसे दालचीनी के साथ मिलाकर चाटने से कफ बाहर निकलती है और दमा रोग में लाभ मिलता है !
लैवेंडर आयल
एक बर्तन में पानी भरकर उसमें 6-7 बुंद लैवेंडर आयल मिलाकर आंच पर उबालें ! और इसका प्रतिदिन भाप (स्टीम) लें ! यह श्वास नली की सूजन को कम करता है और कफ को बाहर निकालता है!
अदरक
अदरक को अच्छी तरह से कद्दूकस करके एक गिलास पानी में हल्का गर्म करें ! अब इसे छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी जाएं ! इससे शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ेगी और दमा रोग में भी लाभ मिलता है !
हल्दी
हल्दी अपने बेहतरीन गुणों के कारण बहुत लाभदायक होता है ! इसमें करयूमीन पाया जाता है ! जो दमा asthma से लड़ने में मददगार साबित होता है ! एक गिलास गुनगुने पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पी सकते हैं !